मंगलवार को धनुआ सागर गांव के कुछ लोग बच्चों के साथ जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंचे। कलेक्टर के पैर छूकर बोले- अधिकारियों से शिकायत करते-करते थक चुके हैं। अगर समाज में मिलाप नहीं हुआ तो ईसाई धर्म अपना लेंगे। इसकी जवाबदारी राठौर समाज के पदाधिकारी और जिला प्रशासन की होगी। प्रशासन समाज में नहीं मिलवा सकता तो धर्मांतरण की अनुमति दे।
कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा, आज के आधुनिक युग में ऐसी सोच रखने वालों को समझना चाहिए ये बिलकुल ठीक नहीं है। गांव में जाकर सामाजिक बैठक कर दोनों पक्षों को समझाइश दी जाएगी। इसके बाद भी नहीं मानते तो फिर कानूनी कार्रवाई करने का विचार करेंगे। इस तरह समाज से अलग करना गैर कानूनी है।
150 परिवार सात पीढ़ी से बहिष्कार झेल रहे
समाज से बहिष्कृत बिहारी लाल ने कलेक्टर को बताया, सात पीढ़ी पहले हमारे पूर्वजों ने गलती से समाज से बाहर की महिला को रख लिया था। तभी से हमारा परिवार समाज से बहिष्कृत है। काफी मिन्नतें करने पर 13 मार्च 2022 को तत्कालीन सामाजिक सरपंच राम प्रभा और पंचों ने बैठक की। तब वंशावली के आधार पर गंगा स्नान, राम कीर्तन, भंडारा, सामाजिक भोज और धर्मशाला के नाम पर दो लाख रुपए दान करने की सहमति बनाकर समाज में शामिल कर लिया। इसके बाद हमारे परिवार को समाज ने अपना लिया। सभी हमें धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में बुलाने लगे।
नए जिलाध्यक्ष ने फिर समाज से निकाला
2023 में राठौर समाज के जिला अध्यक्ष कृष्णा परमार बने तो उन्होंने फिर बैठक बुलाकर बहिष्कार का फरमान सुना दिया। समाज के लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। 8 जनवरी 2024 को गांव में हम सुंदर राठौर के यहां राम कीर्तन कार्यक्रम में पहुंचे। यहां कृष्णा परमार ने माइक से ऐलान कर दिया कि इन 150 परिवारों को जो भी सामाजिक कार्यक्रम में बुलाएगा या इनसे रोटी बेटी का संबंध रखेगा, उसे भी राठौर समाज से अलग कर दिया जाएगा। इसके बाद से लोगों ने डर के कारण हमें बुलाना बंद कर दिया।
शुकवारिया बाई ने बताया, परमार हमारे रिश्तेदारों को फोन करके धमकी देते हैं कि हमसे संबंध न रखें। गांव में यज्ञ चल रहा है, बच्चे वहां जाते हैं तो उन्हें मारकर भगा दिया जाता हैं। बच्चों को पैर तोड़ने की धमकी देते हैं। वे कार्यक्रम को दूर से देखते रहते हैं।
परमार बोले- इनसे रोटी बेटी का संबंध नहीं
राठौर समाज के जिला अध्यक्ष कृष्णा परमार का कहना है कि धनुआ सागर गांव में 150 परिवार 150 साल से समाज से बहिष्कृत है। ये है तो राठौर समाज के, लेकिन इनसे हमारा रोटी बेटी का संबंध कभी नहीं रहा। इन लोगों ने किसको पैसा दिया, क्या किया, हम लोगों को जानकारी नहीं है। हम क्यों इन्हें समाज से बाहर करेंगे। हम तो और इन परिवारों की मदद करते हैं। इन्हें कोई गुमराह कर रहा है।