152 लोग ईसाई धर्म छोड़कर सनातनी बने, बोले लालच देकर बदलवाया था धर्म..!

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मुलताई. एमपी के बैतूल व महाराष्ट्र के अमरावती जिले की बार्डर से लेकर गांव में ईसाई धर्म अपना चुके 152 लोगों ने अपने सनातन में घर वापसी की है. इनमें अधिकतर लोग एससी-एसटी वर्ग से है. सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में इन लोगों के हाथ में कलावा बांधा गया. गंगा जल पिलाकर-पैर पखार कर हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई है. हिन्दू धर्म अपना चुके लोगों ने कहा कि लालच देकर बदलवाया धर्म बदलवाया था.

लोगों ने चर्चा के दौरान कहा कि ईसाई मिशनरियों ने प्रत्येक परिवार को 20 हजार रुपए दिए गए. इस लालच में आकर हम कन्वर्ट हुए थे. इसके बाद से हम खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे. अपने समाज और रिश्तेदारों से भी दूर होते जा रहे थे. उन्होने कहा कि मिशनरी के प्रमोटर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को षड्यंत्र के साथ धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी कर लेते हैं. वे मकान पैसे व नौकरी देने के साथ ही बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं. बैतूल व अमरावती जिले के दर्जनों गांव में कई परिवार ईसाई मिशनरियों के प्रमोटरों की साजिश में फंस चुके हैं. जो लोग अपना धर्म परिवर्तन करवा लेते हैं उन्हें दूसरे ग्रामीण सामाजिक रूप से अलग कर देते हैं. उनके किसी भी कार्यक्रम में ग्रामीण शामिल नहीं होते हैं.से परिवारों में बेटे-बेटियों का रिश्ता भी नहीं करते हैं. पीडि़तों ने यहां तक कहा कि मिशनरी के प्रमोटर धर्म परिवर्तन कराते वक्त जो वादे करते हैं वे धर्म परिवर्तन के बाद पूरे नहीं करते है. ऐसे में ग्रामीणों के सामने वापस अपने धर्म में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता. ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने में क्षेत्र के कुछ लोग लगातार काम कर रहे हैं. उन्हीं लोगों की समझाइश के बाद लोग अब घरवापसी करने लगे हैं. मिशनरी के लोगों ने हमारे घरों से हिंदू देवी-देवताओं के फोटो व मूर्तियां हटवा दीं, लेकिन जब हमें पता चला कि हमारे साथ ठगी हुई है और झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन करवाया गया है घरवापसी की है.

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