नई दिल्ली। भारत में ऑनलाइन गेम के नाम पर जुआ खेलने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। भारत में 2023 में ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या 44.2 करोड़ पर पहुंच गई है। भारत में बड़ी तेजी के साथ ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में ऑनलाइन गेम का भारी प्रचार प्रसार हो रहा है। चीन में सबसे ज्यादा ऑनलाइन ग्रेमर्स हैं। दुनिया के देशों में भारत का नंबर दूसरा है।
ई-गेमिंग फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या 20 फीसदी बढ़ सकती है। 2025 तक 253 अरब रुपए का कारोबार ई – गेमिंग के जरिए भारत में होगा। सरकार ऑनलाइन गेम पर 28 फ़ीसदी जीएसटी वसूल कर रही है। सरकार को जीएसटी के माध्यम से भारी कमाई ई गेमिंग से हो रही है।
2022 में ई-गेमर की संख्या 42.1 करोड़ थी। मार्च 2023 तक इसमें 8 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है।इंटरनेट की स्पीड पूर्व की तुलना में बेहतर होने के कारण ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या लगातार बढ़ा रही है।
महानगरों के अलावा छोटे शहरों में भी अब ई गेम खेलने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समय भारत में 300 से ज्यादा गेमिंग प्लेटफार्म है। मोबाइल और कंप्यूटर में जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन है।उसमें हर दूसरा व्यक्ति ई गेम खेल रहा है।पिछले दो-तीन वर्षों में ई गेम के माध्यम से कमाई के लालच मे ई गेम खेलने वालों की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। इसमें युवाओं और महिलाओं की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। ई गेम जुए की लत के रूप में भी देखा जा रहा है। सरकार को इससे बड़ी कमाई हो रही है। सरकारी संरक्षण में ऑनलाइन गेम के नाम से गेमिंग के प्लेटफार्म में एक तरह से जुआ ही खिलाया जा रहा है। जिसमें खिलाड़ियों को आर्थिक नुकसान बड़े पैमाने पर हो रहा है। लालच में ई गेम के माध्यम से लोग धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं।