नई दिल्ली। दिल्ली में बीते तीन माह से डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इससे कई लोगों की मौत भी हुई है। सरकारी प्रयास सफल नहीं हो पाए या ये लापरवाही और अनदेखी का नतीजा है। ऐसे ही कई सवालों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने पूछा है कि दिल्ली में डेंगू के मरीज क्यों बढ़ रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से पिछले तीन महीनों में राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के मामलों में वृद्धि का कारण बताते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मच्छर जनित बीमारियों के फैलने के संबंध में 2021 में दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निकाय से अपने सभी क्षेत्रों में बीमारी से संबंधित पूरे आंकड़े देने को कहा। स्थिति रिपोर्ट में पिछले तीन महीनों में डेंगू के मामलों में वृद्धि का कारण बताया जाना चाहिए।’’ दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि मंत्रिमंडल ने जुर्माना राशि बढ़ाने के लिए कानून में संशोधन करने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा है। मामले की अगली सुनाई 19 मार्च को होगी। इसने केंद्र से मच्छरों के पनपने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने संबंधी दिल्ली मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने को भी कहा। न्याय मित्र अधिवक्ता रजत अनेजा ने कहा कि पिछले तीन महीनों में डेंगू के मामलों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें पश्चिमी क्षेत्र में 380 से अधिक मामले देखे गए हैं। वकील ने कहा कि मध्य और दक्षिण जैसे कुछ क्षेत्र आंकड़ों का खुलासा नहीं कर रहे हैं और इसलिए नगर निकाय प्राधिकरण को एक समग्र स्थिति रिपोर्ट चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘‘एमसीडी को दो सप्ताह में सभी जोन के सभी तथ्यों और आंकड़ों के साथ स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
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