‎किसानों ने ठुकराया सरकार का ऑफर, वार्ता ‎विफल हुई तो दी चेतावनी

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नई दिल्ली। ‎किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को ठंडा करने के ‎लिए सरकार ने भले ही एमएसपी का ऑफर ‎दिया, ले‎‎किन ‎किसानों ने इसे ठुकरा ‎दिया है। अब ‎फिर 21 फरवरी को ‎दिल्ली घेरने की चेतावनी दी है। ‎मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसानों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके कुछ घंटों बाद, किसान नेता सरवन सिंह पंढे़र ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ‘अब जो भी होगा उसके लिए वह जिम्मेदार होगी।’ सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद, प्रदर्शनकारी किसानों ने घोषणा की है कि वे बुधवार, 21 फरवरी को दिल्ली तक अपना मार्च जारी रखेंगे। गौरतलब है कि तीन केंद्रीय मंत्रियों, पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को एक प्रस्ताव दिया था ‎जिसे इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पंढेर में मंगलवार सुबह कहा कि सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह उन्हें दिल्ली में घुसने नहीं देगी। मी‎डिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘सरकार की मंशा बिल्कुल साफ थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे।
‎किसान नेता ने ‎कहा ‎कि अगर आप किसानों के साथ बातचीत से समाधान नहीं निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ‎हालां‎कि किसानों के मार्च को रोकने के लिए पुलिस द्वारा अभूतपूर्व कदम उठाने का जिक्र करते हुए पंढे़र ने कहा कि हरियाणा की स्थिति कश्मीर जैसी है। उन्होंने आगे कहा ‘जब हम दिल्ली की ओर बढ़े तो आंसू गैस को गोले छोड़े गए। ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी चलाई गईं। जब‎कि डीजीपी हरियाणा ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं। हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
‎किसानों का कहना है ‎कि सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं। ले‎किन अब जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।’ बता दें ‎कि ‎किसान आंदोलन में भाग ले रहे किसान नेताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक ‘दाल, मक्का और कपास’ की खरीद एमएसपी पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा ‎कि यह किसानों के हित में नहीं है।

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