शंभू बॉर्डर पर दागे आंसू गैस के गोले, जींद में किसानों और पुलिस के बीच टकराव

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चंडीगढ़। केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज दिल्ली कूच पर आमादा हैं। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। वहीं हाईकोर्ट ने किसानों के कूच को रोकने के आदेश दिए हैं।  पंजाब के 14 हजार किसान 1200 ट्रैक्टर-ट्रालियों पर शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं। खनौरी बॉर्डर पर भी 800 ट्रैक्टर ट्रालियां मौजूद हैं। किसान यहां से हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ही किसान आगे बढ़ते हैं पुलिस उन पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़ देती है। दोनों बॉर्डर पर सुबह किसानों और पुलिस के बीच टकराव भी हो चुका है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस कई बार ड्रोन से आंसू गैस छोड़ चुकी है। बचने के लिए किसानों ने स्पेशल मास्क, गीली बोरियां और चश्मे पहने। साउंड कैनन से निपटने के लिए किसान स्पेशल इयर बड्स लेकर आए हैं। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने फिर से किसानों को बातचीत का न्योता भेजा। शंभू बॉर्डर पर किसान मीटिंग में केंद्र के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले 4 बार बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान आंदोलन का आज 9वां दिन है। इस दौरान अलग-अलग वजहों से दो पुलिसकर्मियों समेत 4 की मौत हो चुकी है।

निहंग आगे बढ़े तो फिर पुलिस ने दागे गोले
शंभू बॉर्डर पर निहंगों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। आज यह तीसरी बार है, जब आंसू गैस के गोले दागे गए हैं। करीब 20 राउंड गोले दागे गए हैं।

टिकैत ग्रुप ने मेरठ में किया प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने यूपी के मेरठ में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि हम एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मुद्दों पर डीएम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हम कल एसकेएम की बैठक में अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।

पंजाब के मंत्री ने की शांति बनाए रखने की अपील
पंजाब के मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सीमा पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है क्योंकि सरकार और किसानों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। मैं अपील करता हूं कि किसान शांति बनाए रखें। मैं हरियाणा सरकार और प्रशासन के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी आग्रह करता हूं कि उन्हें शांतिपूर्ण विरोध मार्च का उनका सांविधानिक अधिकार दिया जाए और उन्हें दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए…सीएम ने मुझे जिम्मेदारी दी है और हमने सभी सीमावर्ती जिलों के अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं कीं। मैं सभी से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखने का आग्रह करता हूं।

कुंडली बॉर्डर पर दो लेयर सुरक्षा और बढ़ी
पुलिस ने किसान आंदोलन-2 को लेकर कुंडली-सिंधु बॉर्डर पर सुरक्षा और बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस ने सिंघु क्षेत्र में दो लेयर सुरक्षा और बढ़ाई है। पत्थर के बैरिकेड पर चार अलग-अलग कंटीले तार लगाए गए हैं। बैरिकेड को कंक्रीट की तीन फीट की दीवार बनाकर पक्का कर दिया गया है। किसानों के आंदोलन के चलते पुलिस फोर्स और अर्धसैनिक बलों ने टेंट लगा दिए हैं।

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस व किसानों के बीच टकराव
जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर दोपहर लगभग एक बजे पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया। यहां पंजाब की तरफ से किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। इसमें लगभग 12 किसान घायल हो गए हैं। उनको एंबुलेस द्वारा अस्पतालों में भिजवाया जा रहा है। खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसान भी ट्रैक्टरों के अलावा जेसीबी व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं। किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ जींद-पटियाला हाईवे पर किसानों ने उचाना में भी पक्का मोर्चा शुरू कर दिया है। पंजाब के किसानों को हर मदद का ऐलान किया गया है। खटकड़ टोल प्लाजा को भी वाहनों के लिए फ्री किया जा चुका है।

पटियाला प्रशासन ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया
पटियाला प्रशासन ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है। प्रशासन के अधिकारियों और किसान नेताओं के साथ बातचीत शुरू हो गई है। प्रशासन की तरफ से पटियाला के कमिश्नर डीएस मांगट, डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद, डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर, एसएसपी वरुण शर्मा शामिल हैं। जबकि किसान नेताओं में जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, रमनदीप सिंह आदि शामिल है। वहीं, धरनास्थल पर पर मौजूद किसान नेता सुरजीत फूल ने कहा कि सरकार का बातचीत का न्यौता आया है। क्या सरकार सिर्फ बातचीत के लिए बातचीत करना चाहती है। समय बर्बाद करने के लिए बातचीत करना चाहती है। हमने उनसे कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह अपने ट्विटर पर बयान जारी करें कि हम सभी फसलों पर एमएसपी कानून बनाने सहित सभी मांगों को मानने के लिए तैयार हैं।

 

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