नई दिल्ली। मोबाइल से फर्जी लोन ऐप डाउनलोड करने तथा उस पर लगाम लगाने सरकार ने आरबीआई को चेताया है। दरअसल देश में चुटकियों में मोबाइल पर लोन लेने का चलन बढ़ रहा है। ढेर सारे ऐप यूजर्स को लोन का ऑफर देते हैं। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समेत वित्तीय क्षेत्र के नियामकों से ऑनलाइन ऐप के जरिये अनधिकृत कर्ज वितरण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने को कहा है। बता दें कि इस मामले पर कार्रवाई करते हुए ढाई हजार से अधिक ऐसे एप बैन कर दिए हैं, जो इस तरह के लोकलुभावना ऑफर दे रहे थे। वित्त मंत्री ने ‘वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद’ की 28वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय नियामकों से घरेलू और वैश्विक व्यापक वित्तीय स्थिति को देखते हुए उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों का पता लगाने के लिए निरंतर निगरानी बनाए रखने और सक्रिय रहने की जरूरत है। बैठक के बाद जारी बयान में एफएसडीसी ने व्यापक वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में चर्चा की।
दरअसल गांधीनगर के गिफ्ट सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में से एक बनाने और घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी पूंजी एवं वित्तीय सेवाओं को सुविधाजनक बनाने की रणनीतिक भूमिका में इसे समर्थन देने के लिए चल रहे अंतर-नियामकीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई। एफएसडीसी ने एफएसडीसी के फैसलों और केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की। इन मुद्दों में केवाईसी का एकसमान मानदंड तय करना, वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी रिकॉर्ड की अंतर-उपयोगिता व प्रक्रिया का सरलीकरण और डिजिटलीकरण शामिल है।
सरकार ने दिसंबर में संसद को बताया था कि गूगल ने अप्रैल, 2021 और जुलाई, 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से धोखाधड़ी में लिप्त 2,500 से अधिक कर्ज वितरण ऐप को निलंबित किया है या हटा दिया है। इन ऐप ने कई उधारकर्ताओं से उनके पैसे ठग लिए हैं, जिससे कई मामलों में संकट पैदा हुआ है। एफएसडीसी के सदस्यों ने वित्तीय क्षेत्र को और विकसित करने के लिए अंतर-नियामकीय समन्वय को मजबूत करने का भी निर्णय लिया ताकि यह समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधन प्रदान करता रहे। एफएसडीसी ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप-समिति द्वारा संचालित गतिविधियों और एफएसडीसी के पिछले निर्णयों पर सदस्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर भी गौर किया।
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