मप्र की फसलें और जड़ी बूटियां यूरोप जाएंगी, रिसर्च के लिए इंदौर आई टीम, किसान तय करेंगे दाम

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इंदौर । मप्र की फसलें और जड़ी बूटियां यूरोप के देशों में जाएंगी। यूरोपिय देशों के लोग मप्र के किसानों से सीधे यह उत्पाद खरीद सकेंगे। किसान इन उत्पादों पर अपने दाम भी तय कर सकेंगे। यह बात नीदरलैंड्स से आए डॉक्टर आर तिवारी ने बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि साल 2017 से उनकी टीम मप्र में रिसर्च कर रही है। यहां के मिलेट्स, जड़ी बूटियां और फसलें यूरोपिय देशों में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है। यह एक आनलाइन कंपनी होगी जो मप्र के किसानों और यूरोप के लोगों को सीधे जोड़ेगी। किसान खुद अपने प्रोडक्ट्स का दाम तय कर सकेंगे।

रसायनिक खेती से बढ़ रही बीमारियां
तिवारी ने बताया कि यूरोप समेत दुनिया के कई देश रसायनिक खेती से पीछा छुड़ाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि रसायनिक खेती की वजह से बहुत तेजी से बीमारियां बढ़ रही हैं। जैविक उत्पादों की डिमांड दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है और इसी के चलते यूरोप भारतीय किसानों के जैविक उत्पाद खरीदना चाहता है।

यूरोप और भारत में होगी उत्पादों की जांच

इंदौर का काम देख रही मोनिका यादव ने बताया कि मप्र में बहुत अच्छी खेती होती है। यहां से हम यूरोप के लिए कई फसलें और जड़ी बूटी ले जाएंगे। हल्दी, अदरक, लहसुन, ज्वार, मक्का, बाजरा, आंवला समेत कई चीजें हैं जिन्हें यूरोप के लोग खरीदना चाहेंगे। यह आनलाइन प्लेटफार्म अगले साल लांच हो जाएगा। इसके बाद यूरोप के लोग खुद ही मप्र के किसानों के उत्पाद खरीदकर बुलवा सकेंगे। मोनिका ने बताया कि उत्पादों की जांच भारत के साथ साथ यूरोप में भी होगी और इन सभी चीजों के लिए कंपनी तैयारी कर चुकी है। हम पिछले सात साल से यहां पर इस काम के लिए रिसर्च कर रहे हैं।

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