Assam: असम सरकार का बड़ा फैसला, खत्म किया मुस्लिम विवाह एवं तलाक कानून, सीएम बोले- इससे बाल विवाह रुकेंगे
असम सरकार ने बताया कि मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून खत्म होने के बाद मुस्लिमों की शादी का पंजीकरण भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार कर सकेंगे, जो कि पहले 94 मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रार करते थे। सरकार ने एलान किया है कि मुस्लिम विवाह का पंजीकरण करने वाले रजिस्ट्रार्स को हटाया जाएगा और उन्हें एकमुश्त दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। असम सरकार ने कानून हटाने के पीछे तर्क दिया है कि ये कानून अंग्रेजी शासनकाल के दौर के हैं।
कानून रद्द होने के बाद असम में क्या बदलेगा?
सरकार का कहना है कि मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून के तहत शादी और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य नहीं था। साथ ही शादी का पंजीकरण करने की व्यवस्था पूरी तरह से अनौपचारिक थी, जिससे नियमों की अनदेखी हो रही थी और बाल विवाह की भी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी। कानून के तहत राज्य सरकार मुस्लिमों को शादी और तलाक का पंजीकरण करने का लाइसेंस देती थी, लेकिन अब कानून हटने के बाद कोई भी व्यक्ति शादी और तलाक का पंजीकरण नहीं कर सकेगा और यह औपचारिक रूप से हो सकेगा। राज्य सरकार के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने मीडिया चैनल से बात करते हुए ये भी दावा किया कि इस कानून का खत्म होना राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की दिशा में अहम कदम है।