जबलपुर : लाइफ मेडीसिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने पेशेंट के साथ मिलकर इंश्योरेंस कम्पनी को लगाया लाखों का चूना, एसपी के पास पहुंची शिकायत

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जबलपुर । पेशेंट के साथ मिलकर एक हॉस्पिटल के डॉक्टर इंशोरेंस कंपनी को लगभग डेढ़ लाख रूपयों को चूना लगा दिया गया। इस मामले की शिकायत एक वयक्ति द्वारा एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस कप्तान से लिखित शिकायत देते हुए की गई है। इस मामले में शिकायतकर्ता अमित वर्मा ने बताया कि वह एक पैथोलॉजी चलाते है। पिछले महिनें दिसंबर माह में उनके पास परिचित अनुराग कोल आया। जिसने उन्हें बताया कि उसके पेट में कई दिनों से दर्द हो रहा है। जिसपर अनुराग वर्मा ने उन्हें आगा चौक स्थित लाईफ मेडीसिटी हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव के पास जाने की सलाह दी ।
अस्पताल में भर्ती हो गया मरीज
शिकायकर्ता अमित वर्मा ने बताया कि दूसरे दिन जब उन्होंने अनुराग कोल से स्वास्थ्य संबंधी हालचाल लेने के लिए कॉल किया तो अनुराग कोल द्वारा बताया गया कि वह लाईफ मेडीसिटी हॉस्पिटल में भर्ती है। यह जानकारी लगते ही अमित वर्मा उसे देखने अस्पताल पहुंच गया। शिकायकर्ता अमित ने बताया कि जब उसने अनुराग से पूछा की ऐसा क्या होगा कि डॉक्टर को भर्ती करना पड़ा अुनराग कोल ने उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। और खुद भी उसमें शामिल होने का लालच दे दिया।

डॉक्टर ने रची साजिश

बातों-बातों में भर्ती हुए अनुराग कोल ने अमित वर्मा को बताया कि जब वह डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव के पास पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा, तो उसने डॉक्टर को बताया कि आप मेरा अच्छे से अच्छे इलाज कर दो। मेरे पास टाटा एआईजी का मेडिकल इंश्योरेंस है। पैसो की कोई दिक्कत नहीं है। ये बात सुनते ही डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव ने अनुराग कोल को इंश्योरेंस कम्पनी को ठगने की सलाह दे डाली। और कहा कि जैसा मैं कहता हुं, अगर वैसा करोगे तो उसे अच्छी खासी रकम मिल जाएगी। जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा डॉक्टर स्वंय रखेंगें। अमित वर्मा ने शिकायत में बताया कि अनुराग कोल ने डॉक्टर की इस बात पर हामी भर दी।
दिन में भर्ती, शाम को हो जाता था डिस्चार्ज

अस्पताल पहुंचे अमित वर्मा को अनुराग कोल ने बताया कि डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव ने उसे मेडिकल का क्लेम बनाने सुबह भर्ती और शाम को डिस्चार्ज होने की बात कही। जिसपर वह राजी हो गया। इसके बाद लगातार कई दिनों तक वह ऐसा ही करता रहा। सुबह लाईफ मेडिसिटी हॉस्पिटल पहुंचकर भर्ती हो जाता था, और डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव के कहने पर शाम को प्रतिदिन घर चला जाता था।
लगभग डेढ़ लाख का लगाया चूना
शिकायतकर्ता अमित वर्मा ने बताया कि डाक्टर और पेशेंट के साथ-साथ इस कृत्य में टाटा एआईजी का निरीक्षक भी मिला हुआ है। इन तीनों में मिलकर कम्पनी को लगभग डेढ़ लाख रूपयों को नुकसान पहुंंचाया है। अमित ने बताया कि पता नहीं और ऐसे कितने मामलों में डाक्टर में मरीजों के साथ मिलकर ऐसा कृत्य किया होगा।
अमित को भी दिया लालच
यह बात जब अस्पताल पहुंचे अमित वर्मा को लगी, तो अनुराग कोल ने उन्हें भी रूपयों की लालच देते हुए इस कृत्य में शामिल होने के लिए कहा। जिसपर अमित इसका विरोध जाहिर करते हुए हॉस्पिटल से चले गए। अमति वर्मा ने बताया कि लाईफ मेडीसिटी के डॉक्टर द्वारा ऐसा कृत्य करना एक बहुत ही शर्मनाक बात है। डाक्टरों को काम है मरीजों की जान बचाना, ना कि किसी को धोखा देना। शिकायतकर्ता अमित वर्मा ने एसपी ऑफिस पहुंचकर लाईफ मेडीसिटी अस्पला, डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव एवं टाटा एआईजी के निरीक्षक पर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।

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