Karnataka: BJP का दावा- कांग्रेस समर्थकों ने विधानसभा में लगाए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, पुलिस में दी शिकायत
गौरतलब है, कर्नाटक की चार सीटों पर हुए मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के नतीजों में तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि एक सीट भाजपा के खाते में गई। कर्नाटक में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार अजय माकन, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और जीसी चन्द्रशेखर क्रमश: 47, 46 और 46 वोटों से जीते। हालांकि, अब जीत के जश्न को लेकर अब बवाल मच गया है। दरअसल, भाजपा ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ ही देर बाद सैयद नसीर हुसैन के समर्थकों को विधान सौध (विधानसभा) के अंदर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना गया है।
भाजपा ने दी शिकायत
भाजपा ने मंगलवार देर रात हुसैन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कांग्रेस नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। भाजपा एमएलसी एन. रविकुमार और पार्टी विधायक व मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा पाटिल ने हुसैन और उनके समर्थकों के खिलाफ विधान सौध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
नसीर हुसैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट की। उन्होंने कहा, ‘आज, जब हमारी पार्टी के कुछ समर्थक, कार्यकर्ता और कुछ लोग तीन उम्मीदवारों की जीत का जश्न मना रहे थे तब मैं उनके बीच में था। कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा ‘नसीर हुसैन जिंदाबाद’, ‘नसीर खान जिंदाबाद’, ‘नसीर साहब जिंदाबाद’ और ‘कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए गए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अचानक जब मैं वहां से अपने घर के लिए निकल रहा था तो मुझे मीडिया ने फोन कर बताया कि किसी ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं। मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि जब मैं लोगों के बीच था तो बहुत सारे नारे लगाए जा रहे थे, लेकिन मैंने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा कभी नहीं सुना, लेकिन जो कुछ भी है हमने पुलिस से कहा है कि वे इसकी जांच करें।’
हुसैन ने कहा, ‘अगर किसी ने इस तरह के नारे लगाए हैं, तो उसके साथ कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इसकी जांच होनी चाहिए। अगर किसी ने वीडियो को मॉर्फ या छेड़छाड़ किया है और शरारत की है, तो उसके बारे में भी पूछताछ की जानी चाहिए। और यदि किसी ने नारा दिया है तो इसकी समुचित जांच होनी चाहिए कि वह व्यक्ति कौन है, वह कहां से आया है, वह व्यक्ति परिसर में कैसे घुसा और उन नारों को लगाने के पीछे उसका उद्देश्य या मंशा क्या थी। इसकी जांच होनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक मेरी बात है, जब मैं वहां था, तब इस तरह के नारे नहीं लगाए गए थे, क्योंकि अगर नारे हमारी मौजूदगी में लगाए गए होते तो मुझे विश्वास है कि कोई भी समझदार व्यक्ति या भारतीय नागरिक इसे बर्दाश्त नहीं करता। इसलिए हमें जांच की प्रतीक्षा करनी चाहिए और जो कुछ भी सामने आता है, हम सार्वजनिक क्षेत्र में होंगे। बहुत बहुत धन्यवाद।