ममता बनर्जी 73 मुस्लिम जातियों को देना चाहती हैं ओबीसी का दर्जा
राष्ट्रपति से शिकायत करेगा पिछड़ा वर्ग आयोग, राज्य की सिफारिश पर आपत्ति
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा राज्य की 73 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल करने का मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचने वाला है। दरअसल पिछड़ा वर्ग आयोग इसे लेकर शिकायत करने जा रहा है। इससे ममता सरकार की नई मुसीबत खड़ी हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार कई दर्जन जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की बंगाल सरकार की सिफारिश के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत करने की तैयारी हो रही है। दरअसल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने ओबीसी की केंद्रीय सूची में 83 जातियों को शामिल करने की राज्य की सिफारिश पर गंभीर आपत्ति जताई है। आयोग ने कुछ समुदायों को राज्य सूची में शामिल करने पर भी आपत्ति जताई है और इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिकायत करने का फैसला किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ममता सरकार ने जिन 83 जातियों को केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की सिफारिश की है उनमें से 73 मुस्लिम समुदाय से हैं। इधर एनसीबीसी ने इसका कड़ा विरोध किया है। पिछड़ा वर्ग आयोग का कहना है कि राज्य सरकार ने इन जातियों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के ताजा आंकड़े पेश नहीं किए हैं। एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि यह मामला छह महीने से अधिक समय से हमारे संज्ञान में है। हमने मुख्य सचिव को चार बार तलब किया है। अधिकारी न तो पेश हुए हैं और न ही सरकार ने अपनी सिफारिश को सपोर्ट करने वाला कोई डेटा दिया है। अब हम इन प्रस्तावों को अस्वीकार करने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि कि वर्तमान में, केंद्रीय ओबीसी सूची में पश्चिम बंगाल की 98 जातियां शामिल हैं। राज्य ने 87 और जातियों को शामिल करने की सिफारिश की है, जिसमें 83 जातियों को नए सिरे से शामिल करने और 4 जातियों के नाम में सुधार की सिफारिश की गई है। इस पर अहीर ने कहा कि नामकरण में सुधार की बात मान ली जाएगी। लेकिन 83 जातियों को ओबीसी में शामिल करना स्वीकार्य नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने इससे जुड़ा डेटा उपलब्ध नहीं कराया है। सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में उचित मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें सुनिश्चित करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है। एनसीबीसी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की ओबीसी सूची में 179 जातियां शामिल हैं, जिनमें 61 हिंदू ओबीसी और 118 मुस्लिम ओबीसी सूची में शामिल हैं।