जबलपुर : बड्डा दादा ग्राउंड मामले ने पकड़ा तूल, अब 2 हजार से अधिक डॉक्टर्स, छात्रों ने किया प्रदर्शन, देखिए वीडियो 

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जबलपुर। मेडिकल कॉलेज स्थित बड्डा दादा ग्राउंड में चल रहा जमीन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले क्षेत्रीय पार्षद ने इस जमीन में चल रहे निर्माण को लेकर आपत्ति जताई। उसके बाद दूसरे ही दिन चिकित्सा विभाग एवं शिक्षा विभाग आमने-सामने उतर गया । वही आज सोमवार 4 फरवरी को मेडिकल के डॉक्टर भी बड्डा दादा ग्राउंड में बन रहे सीएम राइज स्कूल के निर्माण को रोकने मैदान पर उतर आए।

साजिश के तहत चल रहा कार्य

आज सोमवार को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा जमीन सुरक्षित रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। संबंध में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष सालोदिया ने बताया की एक साजिश के तहत मेडिकल कॉलेज की जमीन को कब जाया जा रहा है। कुछ लोग नहीं चाहते कि जबलपुर के मेडिकल कॉलेज का विस्तार हो। एक के बाद एक मेडिकल कॉलेज से सारे संसाधन छीनी जा रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज का मध्य प्रदेश में नाम हो।

2 हजार से अधिक लोगों ने किया प्रदर्शन

प्रदर्शन के दौरान आईएमए सेक्रेटरी डॉक्टर आदित्य परिहार ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि व्हाइट कॉलर वाले जितने भी डॉक्टर हैं, वे आज अपने सारे काम छोड़कर मेडिकल कॉलेज की जमीन बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह ग्राउंड मेडिकल के डॉक्टर का नहीं है या फिर यहां के छात्रों का नहीं। आज प्रदर्शन में लगभग 2 हजार से ज्यादा डॉक्टरस, छात्रों द्वारा मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड को बचाने प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा मेडिकल कॉलेज की जमीन पर सीएम राइज स्कूल बनाने की अनुमति देना यह कहीं से भी उचित नहीं है। आदित्य परिहार ने कहा कि आज हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर मेडिकल की जमीन बचाने मांग कर रहे हैं। अगर इस और प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता तो आने वाले समय में प्रदर्शन उग्र किया जाएगा।

ये है पूरा मामला

दरअसल विगत 28 फरवरी को क्षेत्रीय पार्षद जीतू कटारे द्वारा मेडिकल कॉलेज स्थित बड्डा दादा ग्राउंड में चल रहे सीएम राइज स्कूल के कार्यक्रम का निर्माण रुकवा दिया गया था। उनका कहना था कि पूरे क्षेत्र में यह एक मात्र ही ऐसा ग्राउंड है, जहाँ बच्चे रोजाना खेलने आते हैं। इसके अलावा बड़े बुजुर्ग भी सुबह टहलने के लिए आते हैं। जिसके चलते इस ग्राउंड में निर्माण न किया जाए। वही इस मामले के दूसरे दिन शिक्षा एवं चिकित्सा विभाग भी आमने-सामने आ गए। जिन्होंने उक्त जमीन पर अपना अपना हक जताया। मामले की गंभीरता देख मौके पर कलेक्टर दीपक सक्सेना भी पहुंच गए। जिन्होंने पूरे मामले को समझकर जल्द ही समस्या का हल निकालने की बात कही।

 

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