संदेशखाली में ED की टीम पर हमले मामले से जुड़ी अर्जी पर तत्काल सुनवाई की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। दरअसल, ममता बनर्जी की सरकार ने पांच जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। इसे लेकर बंगाल सरकार ने बुधवार को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई और मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आपने एक अर्जी दाखिल की है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दोपहर के भोजनावकाश के दौरान तत्काल सूचीबद्ध करने की अर्जियों पर संज्ञान लेते हैं। वह ही याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देंगे। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने अर्जी लगाई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी जांच सौंपे जाने के उच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल अनुपालन चाहती है। राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को भी याचिका का तत्काल सुनवाई की मांग की थी। पीठ ने राज्य सरकार के वकील से शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के सामने मुद्दा रखने को कहा था।
क्या है मामला?
दरअसल, ईडी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने ही एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अलग-अलग अपील दाखिल की थीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए 17 जनवरी को सीबीआई और राज्य पुलिस के एक संयुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया गया था। ईडी चाहती है कि मामले की जांच सिर्फ सीबीआई को सौंपी जाए, जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ पुलिस से जांच कराने का अनुरोध किया था। हाईकोर्ट ने ईडी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया था कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी जाए।

सियासी बयानबाजी भी शुरू
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि देश में ‘बेटी बचाओ’ आंदोलन है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ‘शाहजहां बचाओ’ आंदोलन चल रहा है। ममता बनर्जी शाहजहां को बचाने का काम कर रही हैं, जो महिलाओं के खिलाफ सबसे खराब तरह के अपराधों का अपराधी है। इंडी गठबंधन के सभी नेता संदेशखाली की महिलाओं के खिलाफ अन्याय के खिलाफ चुप हैं। वहीं, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राज्य सरकार को अब केंद्रीय एजेंसियों पर कोई भरोसा नहीं है। केंद्र सरकार को इन केंद्रीय एजेंसियों की छवि सुधारने के लिए कदम उठाना चाहिए।

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