दुख में आपके सामने हूं उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार ने आपका प्रतिनिधित्व किया। अब आपके भार को कम करने की जिम्मेदारी मेरी है। 80 के दशक में जब भीषण बाढ़ आई थी तब राजमाता और बड़े महाराज ने गाड़ी से आकर आपकी मदद की थी। जब गुना में बाढ़ आई थी तो मैंने आर्मी के हेलिकॉप्टर से न केवल सर्वेक्षण किया बल्कि लोगों को बाढ़ से निकालने का काम भी किया था। अब मैं आज आया हूं। यह सही है की राजमाताजी की तबियत ठीक नहीं, लेकिन आप सभी किसानों की तबियत भी ठीक नहीं है। आप सभी मेरा परिवार है, आपके दुख में मैं आपके सामने हूं। प्रशासन के साथ आया हूं सिंधिया ने कहा कि मैं यहां प्रशासन के साथ आया हूं, ताकि एक एक खेत का आकलन तुरंत हो सके। इन 29 गांवों के चार हजार किसान प्रभावित हुए हैं, उनमें से एक भी न छूटे। इन सभी गांवों का सर्वेक्षण तुरंत हो और सरकार से तुरंत मुआवजा जारी हो। सिंधिया ने कहा- प्रदेश के मुख्यमंत्री भी किसान हैं, इस विषय पर उनसे मेरी फोन पर चर्चा हुई है। मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि पूरा मध्यप्रदेश प्रशासन इस दुख की घड़ी में आपके साथ खड़ा है।
गुना। गुना लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित होने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। बुधवार को सिंधिया ओलावृष्टि से परेशान गुना, शिवपूरी और अशोकनगर के किसानों से मिलने पहुंचे। सिंधिया ने गुना में किसानों के खेतों में जाकर बरसात और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ जिला कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। सिंधिया को गांव में देखकर कुछ महिलाएं भावुक हो गईं और उनके गले लगकर रोने लगी। इस दौरान सिंधिया ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा- ‘अब मैं आ गया हूं, बिल्कुल चिंता मत करो। सर्वे हो चुका है, सभी को मुआवजा दिलाऊंगा। ढांढस बना रखो अम्मा, चिंता मत करो’।
हाथों हाथों बंटवाई मुआवजा राशि इस दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किसानों को मुआवजा राशि का भी वितरण कराया। सिंधिया ने इमझरा गांव में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो तीन दिनों से गुना, ग्वालियर, मालवा और भोपाल संभाग क्षेत्र के अन्नदाताओं को दुख की घड़ी से दोबारा गुजरना पड़ रहा है। सिंधिया परिवार सैंकड़ों साल से मान रहा है कि इस पृथ्वी माता को पूजने वाले अगर कोई वर्ग या श्रेणी है वो हमारे अन्नदाता हैं। उन अन्नदाताओं को मजबूत करना और विकास के मार्ग में प्रशस्त करना ये सिंधिया परिवार की जिम्मेदारी ही नहीं, धर्म भी है। उन्होंने कहा कि सुख मैं आऊं न आऊं लेकिन, सिंधिया परिवार का मुखिया होने के नाते हम दुख में जरूर आते हैं।