जबलपुर : शहर में भिक्षावृत्ति रोकने उठाए जाएंगे कदम, सूचना देने वाले को इंदौर में दिया जाता है नगद पुरस्कार 

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जबलपुर। सड़कों में पर घूम-घूमकर भीख मांग कर जीवन यापन गुजारने वाले भिखारियो को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने का अभियान शहर में चलाया जाने वाला है। हाल ही में इसकी शुरुआत इंदौर जिले से हुई, जहां पर भिक्षावृक्ति को समाप्त करने के लिए भिक्षुक पुर्नवास केंद्र बनाया गया है। इंदौर में शुरू हुए भिक्षुक पुर्नवास केन्द्र के शुभारंभ के दौरान सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा था की प्रदेश के सभी जिलों को भिखारियों से मुक्त करने का अभियान चलाया जाएगा। वही अब इस अभियान की शुरुआत जबलपुर में होने जा रही है
पुलिस करेगी वेरीफिकेशन
इस संबंध में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि हाल ही में रेड क्रॉस सोसाइटी की बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें सभी के द्वारा शहर में बढ़ रही भिक्षावृत्ति को लेकर चर्चा हुई थी। जल्द ही लोगों को भिक्षावृत्ति से बाहर निकालना उचित कदम उठाए जाएंगे। वहीं पुलिस द्वारा उनका वेरिफिकेशन भी करवाया जाएगा। 
सूचना देने पर मिलता है नगद पुरस्कार
हाल ही में भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को इसे बाहर निकलना इंदौर प्रशासन द्वारा एक अनोखा कदम उठाया गया है। इंदौर में भीख मांगने पर रोक लगाने और इसमें जबरदस्ती धकेले गए बच्चों को बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है ताकि भीख मांगने वाले बच्चों को इस नरक से मुक्त करवाकर उनका पुनर्वास किया जा सके। इंदौर में भिक्षावृत्ति में शामिल ऐसी कोई भी बच्चों की सूचना अगर जनता द्वारा दी जाती है तो उन्हें एक हजार की राशि एवं प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कृत किया जाता है।

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