चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिला डेटा वेबसाइट पर अपलोड किया

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के हिसाब से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च 2024 को चुनाव आयोग (ईसीआई) को चुनावी बांड से संबंधित डेटा मुहैया करा दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर गुरुवार को डेटा अपलोड कर दिया गया। वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड एसबीआई से प्राप्त डेटा को जस के तस अपलोड कर दिया गया है।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं।
इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से साझा की जानकारी में बताया गया है कि इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है। 

एसबीआई ने सौंपा था डेटा
एसबीआई ने मंगलवार शाम को उन संस्थाओं का विवरण चुनाव आयोग को सौंपा था, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें भुनाया था। शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी थी।

SBI ने हलफनामे में क्या कहा?
इससे पहले एसबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें बताया गया कि एक अप्रैल 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच दानदाताओं ने कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया। हलफनामे में बताया गया कि प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीदार के नाम और खरीदे गए बॉन्ड के मूल्यवर्ग सहित विवरण प्रस्तुत किए गए हैं। हलफनामे के मुताबिक, एक अप्रैल, 2019 से 11 अप्रैल, 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और 1,609 भुनाए गए। हलफनामे में बताया गया कि 12 अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी तक कुल 18,871 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और 20,421 भुनाए गए।

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