वरुण ने टिकट कटने के बाद पीलीभीत के नाम लिखा भावुक संदेश

मेरा आपसे रिश्ता प्रेम और विश्वास का, मैं आपका था, हूं और रहूँगा

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नई दिल्ली। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में कई नए चेहरे तो कई सांसदों को दोबारा भी टिकट दिया है, लेकिन उत्तरप्रदेश के पीलीभीत सीट से इस बार उन्होंने वरुण गांधी का टिकट काट कर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है, जिससे वरुण गांधी अपनी पार्टी से काफी नाराज हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख खत्म होने के बाद अब वरुण ने पीलीभीत की जनता के नाम एक भावुक संदेश लिखा है। वरुण गांधी ने पत्र में लिखा- मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की जनता की सेवा करने का मौका मिला। एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा आपके हितों के लिए आवाज उठाई है।

पत्र में वरुण ने आगे लिखा-एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले खत्म हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा। सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मेरा पूरा जीवन आपकी सेवा के लिए है और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा खुले रहेंगे। वरुण ने कहा कि मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि मैं हमेशा यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, मैं आपका था, हूं और रहूँगा। वरुण गांधी ने अपने पत्र में अपनी मां मेनका गांधी का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उँगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।

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