चुनावी बॉन्ड में ऐसा क्या हुआ जिसे भाजपा के लिए झटका माना जाए: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से चुनावी बॉन्ड को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर है। आरोप है कि इससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक झटके में विपक्ष के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि बॉन्ड में ऐसा क्या है जिससे भाजपा को झटका माना जाए। इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी यह पूछा गया कि क्या चुनावी बॉन्ड डिटेल से सत्तारूढ़ बीजेपी को झटका लगा है, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे बताइए कि हमने ऐसा क्या कर दिया कि मैं इसे एक झटके के तौर पर देखूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो इसे (बॉन्ड के विवरण) को लेकर हंगामा कर रहे हैं और इस पर गर्व कर रहे हैं उन्हें पछतावा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही चंदे के स्रोतों और इसके लाभार्थियों का पता लगाया जा सका। उन्होंने कहा कि अगर आज जानकारी उपलब्ध हुई है तो उसकी वजह बॉन्ड हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई एजेंसी 2014 में उनके केंद्र की सत्ता में आने से पहले के चुनावों के लिए धन के स्रोत और उनके लाभार्थियों के बारे में बता सकती है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी प्रणाली बिल्कुल सही नहीं होती। कुछ खामियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर किया जा सकता है।’ विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुए खुलासे का हवाला देते हुए सरकार के प्रति हमलवार रुख अपना रखा है। कोर्ट ने गुमनाम तरीके से चंदा देने को असंवैधानिक घोषित करते हुए चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। आपराधिक जांच का सामना कर रहीं कई कंपनियों ने बड़ी मात्रा में बॉन्ड खरीदे थे।

साक्षात्कार के दौरान मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को उनके हर काम में राजनीति नहीं देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह देश के लिए काम करते हैं और तमिलनाडु देश की बड़ी ताकत है। यह पूछे जाने पर कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी उन्हें 400 से ज्‍यादा सीटें जीतने के बारे में कितना आत्मविश्‍वास है, उन्होंने कहा कि देश की जनता भाजपा और एनडीए के लिए ऐसी ही जीत की आकांक्षा रखती है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान 2047 में भारत को विकसित बनाने पर है। यह पूछे जाने पर कि वह कांग्रेस को खुद को जिंदा करने के लिए क्या सलाह देंगे, उन्होंने कहा कि विपक्षी दल में कई वरिष्ठ नेता थे, जिन्हें किनारे कर दिया गया और अगर पार्टी इन नेताओं की बात माने तो वह आगे बढ़ सकती है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनकी डीएमके को क्या सलाह देना चाहते हैं? पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि स्टालिन को उनसे किसी सलाह की जरूरत नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु के लोग हैं, जो आगामी चुनावों में उन्हें सलाह देंगे।

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