बाबा रामदेव सुप्रीम कोर्ट के आगे गिड़गिड़ाए- बोले माफ कर दो साहब…

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बाबा को लगाई फटकार

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण एक ऐसे मामले में फंस गए हैं जिसका उनसे जवाब देते नहीं बन रहा है। ये केस जब देश की शीर्षस्थ अदालत में पहुंचा तो दोनों के पास सिवाए हाथ जोड़कर माफी मांगने और गिड़गिड़ाने के कोई रास्ता नहीं बचा। मामला इतना गंभीर है कि सुप्रीम कोर्ट को याचिका की सुनवाई करते हुए यहां तक कहना पड़ा कि देश की सेवा का बहाना, आपके आचरण पर पर्दा नहीं डाल सकता। पतंजलि की तरफ से भ्रामक विज्ञापन के मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और अपने आचरण के लिए माफी मांगी। हालांकि शीर्ष अदालत उनकी इस माफी से संतुष्ट नहीं हुआ और फटकार लगाते हुए अदालत के आदेश को गंभीरता से लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी में कहा कि ‘आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए। सुप्रीम कोर्ट हो या देश की कोई भी अदालत। आदेश का पालन होना ही चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘रामदेव ने कोर्ट के आदेश के 24 घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विज्ञापन में आप प्रमोटर के तौर पर पेश होते हैं। अब 2 महीने के बाद अदालत के समक्ष पेश हुए हैं।’ इस पर रामदेव के वकील ने कहा, ‘भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं।’ इसके बाद रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट हो या देश की कोई भी अदालत। आदेश का पालन होना ही चाहिए। आप माफी भी सशर्त मांग रहे है?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। माफी स्वीकार नहीं, आपने क्या किया है। उसका आपको अंदाजा नहीं है। इस पर रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांगी।

योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की दो सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की। इन दोनों की तरफ से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। इस पर बेंच ने पूछा कि रामदेव का हलफनामा कहां है?सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा कि क्या दोनों लोग पेश हो गए हैं। इस पर उनके वकील ने बताया कि दोनों लोग कोर्ट में मौजूद हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे, लेकिन एक ही किया गया है, दूसरा दाखिल नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था, जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया।

’सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और स्वामी बालकृष्ण की तरफ खेद जताने को लेकर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा, ‘अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार नहीं है।’ कोर्ट ने कहा, ‘आपकी माफी पर्याप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और उधर पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहे थे। आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया? आपको नवंबर में चेताया गया था, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया। 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन कंपनी, बालकृष्ण और रामदेव द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की गई।

10 अप्रैल को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया। साथ ही आदेश दिया कि अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने पतंजलि के एमडी के हलफनामे में दिए बयान को भी खारिज कर दिया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (मैजिक रेमेडीज) एक्ट पुराना है
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