यह बुरी आदतें, ऐसा नहीं करना चाहिए, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दूसरे देशों की टिप्पणी पर जयशंकर की दो टूक

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अहमदाबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी की टिप्पणी के बारे पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने दो टूक शब्दों में कहा कि देशों को दूसरों के आंतरिक मामलों पर राजनीतिक बयान देने से बचना चाहिए। अगर कोई देश भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। यह एक बुरी आदतें है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
सभी देशों के बीच एक निश्चित मर्यादा है- जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने साफ कर दिया है कि उसे ऐसे बयानों पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहूंगा कि ये पुरानी आदतें है, ये बुरी आदतें है। उन्होंने कहा कि देशों के बीच एक निश्चित मर्यादा है। हमें एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, हमें एक-दूसरे की राजनीति के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

‘आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने पर मिलेगा जवाब’

जयशंकर ने कहा कि कुछ शिष्टाचार, परंपराएं और प्रथाएं है, जिनका अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पालन किया जाना चाहिए। अगर कोई देश भारत की राजनीति पर टिप्पणी करता है, तो उन्हें हमसे बहुत मजबूत जवाब मिलेगा और यही हुआ है। हम दुनिया के सभी देशों से ईमानदारी से अपील करते हैं कि दुनिया के बारे में आपके अपने विचार हों, लेकिन किसी भी देश को दूसरे देश की राजनीति पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, खासकर ऐसी स्थितियों में।

कच्चातिवु द्वीप पर जयशंकर ने कही यह बात
कच्चातिवु द्वीप विवाद को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा कि तमिलनाडु के मछुआरों को पता होना चाहिए कि उन्हें इस स्थिति में किसने डाला। तत्कालीन प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने द्वीप को कोई महत्व नहीं दिया और श्रीलंका के साथ मछली पकड़ने के अधिकार पर बातचीत के संबंध में कानूनी राय की अवहेलना की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि तत्कालीन सरकार की स्थिति क्या थी। मुद्दा यह भी है कि जनता को पता होना चाहिए कि डीएमके इसमें शामिल थी।

नाम बदलने से फर्क नहीं पड़ता- जयशंकर 
अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों का चीन द्वारा नाम बदले जाने पर जयशंकर ने कहा कि सबको पता है अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। अगर कोई किसी चीज का नाम बदल दें तो वास्तविकता में स्थिति नहीं बदलती, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

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