देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन मई में ट्रैक पर दौड़ेगी

16 वातानुकूलित कोच के साथ ट्रेन की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा होगी

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चंडीगढ़,(ईएमएस) । देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन इसी साल मई में ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी और लोग इसमें सफर कर इसके सफर का आनंद ले सकेंगे, जिसको लेकर तैयारी जोर शोर से जारी है। इस वंदे मेट्रो ट्रेन में 16 वातानुकूलित डिब्बे लगाए जा रहे हैं। ट्रेन की रफ्तार अधिकतम 130 किमी प्रति घंटा होगी । मेट्रो ट्रेन में 4300 से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे।
देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन कस इसी माह के अंत तक पहला प्रोटोटाइप बनकर तैयार हो जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन में लगने वाले 16 कोच का लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। श्रीनिवास ने वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का डिजाइन तैयार किया है। उन्होंने कहा कि पहला प्रोटोटाइप अप्रैल अंत तक कारखाने में परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा। बाहरी ढांचा का निर्माण किया जा चुका है, जिनकी इंटीरियर फर्नीशिंग का काम चल रहा है। इन कोचों को रेलवे के परीक्षण के लिए रखा जाएगा। इसके बाद इसे भारतीय रेल के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

जीएम ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में नौ और वंदे मेट्रो ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन को 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों की सुविधा के लिए भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। इस वंदे मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा होगी।

हर कोच में 280 यात्री करेंगे सफर
वंदे मेट्रो ट्रेन हर कोच में 280 यात्री सफर कर सकेंगे। इनमें 100 बैठने और 180 खड़े होने वाले यात्री शामिल होंगे। पूरी ट्रेन में कुल 4,364 यात्री सफर कर सकेंगे। 3 बाई 3 बेंच-टाइप सिटिंग पर यात्री आरामदायक सफर का लुत्फ उठा सकेंगे। वंदे मेट्रो कोच में इमरजेंसी पड़ने पर ट्रेन के पायलटसे संवाद करने के लिए यात्री टॉक बैक सिस्टम लगाए जा रहे हैं। हर कोच में 14 सेंसर के साथ आग और धुआं का पता लगाने वाले सिस्टम लगाए जा रह हैं। दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए हर कोच में व्हील-चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा दी जा रही है। ट्रेन कवच प्रणाली से लैस होगी, जो टकराव को रोकने में महत्वपूर्ण सिद्ध् होगी।

 

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