नई दिल्ली। कोरोना के बाद अब दूसरी बीमारी ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। डॉक्टरो और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एच5एन1 को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि बर्ड फ्लू एच5एन1 पूरी दुनिया के लिए बड़ा संकट है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बर्ड फ्लू एच5एन1 के संभावित खतरे को चिंता जताई है। साथ ही उन्होंने चिंता भी जताई है। उनका कहना है कि यह नई बीमारी कोरोना महामारी से 100 गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। इस बात की भी प्रबल संभावना है कि इस फ्लू से संबंधित आधे से अधिक लोगों की मौत भी हो सकती है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि वायरस का संक्रमण स्तर गंभीर हो सकता है जो कि एक वैश्विक महामारी को जन्म दे सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा ए का एक उपप्रकार है। यह बर्ड फ्लू वायरस का एक समूह है। इसे अत्यधिक रोगजनक माना जाता है क्योंकि यह पोल्ट्री में गंभीर और अक्सर घातक बीमारी का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। एच5एन1 जंगली पक्षियों और कभी-कभी मनुष्यों सहित स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है। इंसानों और जानवरों के लिए यह बीमारी घातक हो सकती है। एच5एन1 वायरस का पहली बार पता 1996 में चीन में पक्षियों में लगाया गया था। एक साल बाद हांगकांग में इसका प्रकोप हुआ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2003 के बाद से एच5एन1 बर्ड फ्लू से पीड़ित प्रत्येक 100 रोगियों में से 52 की मृत्यु हो गई है। आपको बता दें कि अब तक 887 मामले सामने आए हैं, उनमें से कुल 462 मौतें हुई हैं। वहीं, कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत से कम है। हालाँकि, महामारी की शुरुआत में यह लगभग 20 प्रतिशत था।पिट्सबर्ग में एक प्रमुख बर्ड फ्लू शोधकर्ता डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी है कि एच5एन1 में महामारी पैदा करने की क्षमता है। ऐसे इसलिए क्योंकि यह मनुष्यों के साथ-साथ कई स्तनधारी जानवरों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। फार्मास्युटिकल उद्योग सलाहकार और कनाडा स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोनियाग्रा के संस्थापक जॉन फुल्टन ने भी इन चिंताओं को दोहराया है। उन्होंने भी कहा है कि एच5एन1 अगर महामारी का रूप लेता है तो यह काफी गंभीर होगा। यह कोविड -19 से कहीं अधिक घातक हो सकता है। फुल्टन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है।