अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर पूरे देश की नजरें बनीं हुई है। दोनों ही सीटों पर गांधी परिवार का प्रभाव रहा है। इस बार कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली को लेकर कोई ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया है। यहां अब तक कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। ऐसे में अटकलों का बाजार गरम है। इस बीच, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि यूपी से राहुल गांधी या प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं। एंटनी ने प्रियंका के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी बयान दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने बुधवार को एक इंटरव्यू में संकेत दिया कि राहुल गांधी या प्रियंका में से कोई एक उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ सकता है। उन्होंने कहा, आप अमेठी और रायबरेली सीट पर फैसले का इंतजार करें। अटकलें नहीं लगाना चाहिए। नेहरू परिवार का एक सदस्य यूपी से चुनाव लड़ेगा।
एंटनी से जब पूछा गया कि क्या रॉबर्ट वाड्रा उम्मीदवार होंगे तो उन्होंने संकेत दिए कि ऐसा नहीं होगा। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को गांधी परिवार पर पूरा भरोसा है। इससे पहले यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने अमेठी और रायबरेली के लिए उम्मीदवारों की घोषणा में देरी पर कहा था कि सही समय पर नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। पांडे ने कहा, अमेठी और रायबरेली ना सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण लोकसभा सीट है। हमने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को राज्य की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत कराया है। पांडे ने कहा, राजनीति में एक रणनीति होती है और सही समय आने पर रणनीति के अनुसार नामों की घोषणा की जाएगी। बता दें कि कांग्रेस ने अभी तक इन सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। यूपी में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी इन दोनों सीटों से गांधी परिवार की उम्मीदवारी की पुरजोर वकालत की है।

रॉबर्ट वाड्रा ने खुद के लड़ने के दिए थे संकेत
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी को अमेठी से और प्रियंका गांधी को रायबरेली से मैदान में उतारा जाए। इससे पहले एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने भी आम चुनाव में उतरने की इच्छा जताई थी। वाड्रा ने रायबरेली और अमेठी दोनों सीटों को लेकर बातचीत की थी। वाड्रा का कहना था कि उनके परिचित लोग चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान इस संबंध में फैसला लेगा।फिलहाल, कांग्रेस में इसे लेकर बिल्कुल खामोशी देखी जा रही है। चर्चा ये भी हो रही है कि कांग्रेस उन्हें चुनाव में उतारने को लेकर सहज नहीं है। इसकी दो बड़ी वजह हैं। पहला, रॉबर्ट वाड्रा अगर राजनीति में आएंगे तो इससे कांग्रेस के ऊपर परिवारवाद का आरोप और बढ़ जाएगा। दूसरा ये कि रॉबर्ट वाड्रा पर हरियाणा और राजस्थान में जमीन घोटाले के भी आरोप हैं। अगर रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ते हैं तो उनके विरोधी भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा बनाएंगे।

गांधी परिवार की परंपरागत सीट
अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटें गांधी परिवार की परंपरागत रही हैं और वर्षों से यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि, 2019 के चुनाव में अमेठी का किला ढह गया था और बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हरा दिया था। इस बार बीजेपी ने फिर स्मृति को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसी रायबरेली में अब तक ना बीजेपी और ना कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित किए हैं। इन दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है। 26 अप्रैल से 3 मई तक नामांकन भरे जाएंगे। दोनों हाई-प्रोफाइल सीटों को लंबे समय तक गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। 2004 से लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने वाली सोनिया गांधी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। वे राज्यसभा के लिए चुन ली गई हैं। जबकि उनके बेटे राहुल गांधी एक बार फिर आम चुनाव में केरल की वायनाड सीट से लड़ रहे हैं। वहां 19 अप्रैल को पहले चरण में वोटिंग है। 2019 में राहुल दो सीटों पर चुनाव लड़े थे। अमेठी में हार मिली थी और वायनाड में उन्होंने जीत हासिल की थी।

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