ज्ञानवापी सर्वे: जिला जज की कोर्ट में आज नहीं दाखिल होगी एएसआई की रिपोर्ट
फिर मांगेंगे 15 दिन का समय
देशभर के पुरातत्व विशेषज्ञ सर्वे में हुए शामिल
ज्ञानवापी में सर्वे करने वाली टीम में एएसआई के देश भर के विशेषज्ञ शामिल हुए थे। डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में सारनाथ, प्रयागराज, पटना, कोलकाता और दिल्ली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने सर्वे का काम किया। जीपीआर तकनीक से अध्ययन के लिए हैदराबाद से विशेषज्ञों का दल आया था।
दो बार रुक चुका है ज्ञानवापी सर्वे
- 24 जुलाई – ज्ञानवापी में सर्वे का काम शुरू हुआ व कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया
- 4 से 14 अगस्त तक- सर्वे का काम हुआ
- 7 सितंबर – मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण ज्ञानवापी में सर्वे का काम नहीं हुआ
- 8 सितंबर – कोर्ट द्वारा सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते बढ़ाया गया
- 6 अक्तूबर – ज्ञानवापी में सर्वे की समय सीमा चार हफ्ते और बढ़ाई गई
- 2 नवंबर- एएसआई ने बताया सर्वे पूरा हुआ। कोर्ट का 17 नवंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश
कोषागार में रखी गई हैं 250 सामग्रियां
21 जुलाई के अदालत के आदेशानुसार एएसआई को अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह बताना है कि क्या ज्ञानवापी में मंदिर को ध्वस्त कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है? वहीं, सर्वे के दौरान साक्ष्य के रूप में मिली 250 सामग्रियां अदालत के आदेश से छह नवंबर को एडीएम प्रोटोकॉल की देख-रेख में कोषागार के डबल लॉक में रखवाई गई थी।