नई दिल्ली। अमेरिका जैसे कई देशों में सर्दी जुकाम बुखार की दवाएं किराने की दुकानों पर मिल जातीं हैं। इसी तर्ज पर भारत में भी इस तरह की संभावनाएं देखी जा रही हैं। ओटीसी यानी ओवर द काउंटर दवाओं की नीति पर काम कर रही समिति इस सुझाव पर विचार कर रही है। अब तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है, अमेरिका जैसे कई देशों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाएं किराने की दुकानों पर भी उपलब्ध होती हैं। भारत की ओटीसी नीति पर काम कर रहे कुछ एक्सपर्ट्स की तरफ से एक सुझाव भी आया है, जिसमें यहां भी ऐसी व्यवस्था शुरू करने की बात की गई है, ताकि ग्रामीण इलाकों में पहुंच बेहतर हो सके। हालांकि, अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
खबर है कि कमेटी ने ऐसे ड्रग्स की पहली सूची भी जमा कर दी है, जिन्हें ओवर द काउंटर बेचा जा सकता है। सोमवार को ही इन दवाओं पर चर्चा करने के लिए एक बैठक भी बुलाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा, भारत में प्रिक्रिप्शन ड्रग्स का एक नियम है, लेकिन ऐसे कोई दिशानिर्देश या लिस्ट नहीं है, जिन्हें ओवर द काउंटर बेचा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, अगर किसी दवा को खासतौर से प्रिस्क्रिप्शन ओनली ड्रग नहीं कहा गया है, तो उसे ओटीसी माना जाता है।बता दें कि ओटीसी उन दवाओं को माना जाता है जो बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बेची जा सकती हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में दवाओं को लेकर दिशानिर्देश एकदम स्पष्ट हैं। फरवरी में ही स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक अतुल गोयल की तरफ से एक्सपर्ट्स की एक कमेटी गठित की गई थी, जिसे भारत की ओटीसी ड्रग नीति तैयार करने का काम सौंपा गया था।