सुप्रीम कोर्ट ने मप्र बार काउंसिल अवमानना कार्रवाई मामले में दिया स्टे
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने की पैरवी
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इस मामले में स्टे दे दिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और बार काउंसिल के अन्य सदस्यों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा था, जिस पर पीठ ने संज्ञान लिया है।
मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डबल बैंच ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा एवं अन्य की बात सुनने के बाद स्थगन आदेश दे दिया। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर स्टे देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जुलाई 2024 को नियत करने को कहा है।
इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि मप्र बार काउंसिल अध्यक्ष और सदस्यों को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि व्यक्तिगत सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही हटा दी गई, हाईकोर्ट उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही आगे बढ़ा रही है। उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि उपरोक्त व्यक्ति और प्रत्येक याचिकाकर्ता पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं और इस न्यायालय के समक्ष भी बिना शर्त माफी मांगने को राजी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता तन्खा की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अगले आदेश तक आपराधिक अवमानना पर रोक लगाए जाने का आदेश पारित कर दिया।