तेहरान। ईरान और इजराइल तनाव के बीच ईरान ने एक नया आत्मघाती ड्रोन बनाया है। ईरान ने हाल के सालों में कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद मानव रहित हवाई वाहनों की अपनी उत्पादन लाइन का आक्रामक रूप से विस्तार किया है। जानकारी के अनुसार ईरान ने स्वदेशी ड्रोनों के अपने तेजी से बढ़ते शस्त्रागार को मजबूत करते हुए ये नया हथियार बनाया है। ईरानी सेना ने रूसी लैंसेट ड्रोन पर आधारित एक आत्मघाती ड्रोन बनाया है, जिसे एंटी एंबुस अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है।
ईरान ने कुछ सालों में कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) की अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार किया है। अपने इन आत्मघाती ड्रोन की वजह से ही ईरान इजरायल जैसी बड़ी ताकत के साथ दो-दो हाथ कर रहा है तो वहीं रूस को भी ईरान की मदद कर रहा है। ईरान ने सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर बमबारी के बाद इजरायल पर 350 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं। हमले में ईरान में बनी हुई शहीद-136 और शहीद-131 कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के बाद से ईरान के अपेक्षाकृत सस्ते लेकिन घातक शहीद ड्रोन युद्ध के मैदान में तबाही मचा रहे हैं। ईरान अपनी लंबी दूरी की ड्रोन तकनीक से हमास, हिज्बुल्ला और हूती विद्रोहियों की भी मदद कर रहा है। अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी ने 2019 में ईरान की सैन्य ताकत का आकलन करते हुए कहा था कि यूएवी ईरान की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली हवाई क्षमता है। इसके बाद से ईरान सैन्य यूएवी कार्यक्रम को लगातार आगे बढ़ाने के साथ-साथ सटीक हमलों के लिए बनाए गए आत्मघाती ड्रोन विकसित करने पर रहा है।