मणिशंकर अय्यर के परमाणु बम वाले बयान पर पीएम का तंज, बोले- पाकिस्तान बम बेचने के लिए खरीदार तलाश रहा

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भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के कंधमाल में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और उनके नेता मणिशंकर अय्यर पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पोखरण के परमाणु परीक्षण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 26 साल पहले आज ही के दिन अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था और हमनें ये दिखा दिया था कि देशभक्ति से ओत-प्रोत सरकार देशहित के लिए, देश की सुरक्षा के लिए, देश के लोगों को आशा-अपेक्षा के लिए कैसे काम करती है। एक वो दिन था, जब भारत ने दुनिया को अपने सामर्थ्य से परिचित कराया था। दूसरी तरफ कांग्रेस बार-बार अपने ही देश को डराने की कोशिश करती है।
पीएम मोदी ने मणिशंकर की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘वो कहते हैं कि ‘संभल कर चलो, पाकिस्तान के पास एटम बम है। ये मरे पड़े लोग, देश के आदमी को भी मार रहे हैं। वे पाकिस्तान के बम के बारे में बात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि उन्हें नहीं पता कि इसे कैसे रखा जाए और वे अपने बम बेचने के लिए खरीदार की तलाश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उन्हें खरीदना नहीं चाहता, क्योंकि लोग उनकी गुणवत्ता के बारे में जानते हैं।’

दरअसल, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया है, जिसमें अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का समर्थन किया और सरकार से अपील करते हुए कहा कि ‘अगर वहां कोई पागल सत्ता पर काबिज हो जाए तो क्या होगा, उनके पास परमाणु बम है। हमारे पास भी है, लेकिन अगर लाहौर स्टेशन पर बम फूटा तो सिर्फ 8 सेकेंड में बम का रेडिएशन अमृतसर पहुंच जाएगा। ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि बातचीत करके बमों का इस्तेमाल रोका जाए। अगर आपने उनसे बात करने की कोशिश की और उन्हें इज्जत दी, तभी वे अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे।’

कांग्रेस को पीएम ने जमकर घेरा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इसी कमजोर रवैये के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 60 साल तक आतंक भुगता है। देश ने कितने आतंकी हमले झेले हैं। देश भूल नहीं सकता कि आतंकियों को सबक सिखाने के बजाय ये लोग आतंकी संगठनों के साथ बैठकें करते थे। 26/11 के मुंबई हमले के बाद इन लोगों की हिम्मत नहीं पड़ी, कि आतंक के सरपरस्तों पर कार्रवाई करें। और क्यों? क्योंकि कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लगता था कि अगर हम कार्रवाई करेंगे तो हमारा वोटबैंक नाराज हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज कांग्रेस को दो टूक कहूंगा, भारत के मुसलमान… कोई इधर-उधर जाएगा, ऐसा मानने की कोशिश न करें। कांग्रेस के शहजादे आए दिन बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विपक्ष (संसद में) बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या का 10% चाहिए। कांग्रेस वाले कान खोलकर सुन लें… कांग्रेस इस देश में मान्य विपक्ष भी नहीं बन पाएगा। वे 50 सीटों (कांग्रेस) से नीचे सिमटने वाले हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि कंधमाल आते ही मुझे ऐसे आशीर्वाद मिले हैं, जो मैं जीवनभर नहीं भूल सकता। ये आशीर्वाद, पूरे देश में क्या परिवर्तन आ रहा है, कैसा परिवर्तन आ रहा है, उसका साक्षात उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मैं ओडिशा के लोगों का ऋणी हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपके प्यार और आशीर्वाद का ये कर्ज, ज्यादा से ज्यादा मेहनत करके, देश की सेवा करके चुकाऊंगा। साथ-साथ ओडिशा को देश में एक विकसित राज्य बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करके चुकाऊंगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा, ‘विकास भी और विरासत भी’ के मंत्र के साथ देश को आगे बढ़ा रही है। ये भाजपा ही है, जिसकी सरकार में देश का 500 साल का इंतजार पूरा हुआ। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ। रामलला आज पूरे देश को आशीर्वाद दे रहे हैं। हमें तो एक तरफ भगवान जगन्नाथ और दूसरी तरफ रामलला जी के आशीर्वाद मिल रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि यहां राज्य भाजपा भी उड़िया भाषा और उड़िया संस्कृति के प्रति समर्पित है। ऐसा कोई बेटा या बेटी जो ओडिशा की मिट्टी से निकला हो, यहां की संस्कृति को समझता है, उसका भाजपा का मुख्यमंत्री बनना तय है। मैं आपको 10 जून को भुवनेश्वर में भाजपा की सरकार के मुख्यमंत्री के शपथ समारोह का निमंत्रण देने आया हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि 7 दशक पहले श्री जगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन के लिए नियम बनाए गए थे। इन्हीं में से एक नियम था कि मंदिर के सोना चांदी, कीमती पत्थर और सारी चल-अचल संपत्ति का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा। इसके बाद श्री रत्न भंडार में रखे कीमती सामानों की एक सूची तैयार की गई थी। इस रत्न भंडार का आखिरी बार मूल्यांकन करीब 45 साल पहले किया गया था। उस समय आभूषण और रत्न इतने ज्यादा थे कि मूल्यांकन करने वालों ने इस खजाने को अमूल्य बताकर अपने हाथ खड़े कर दिए थे। आधिकारिक रूप से श्री रत्न भंडार करीब 40 साल से नहीं खुला है।

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