एमपी की आठ लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने झोंकी ताकत, आदिवासी सीटों पर राहुल गांधी ने भी लगाया है जोर

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भोपाल। मध्यप्रदेश की आठ लोकसभा सीटों में प्रचार बंद होने से पहले ही कांग्रेस के नेता अलग-अलग जगहों पर सभा, रोड शो, सम्मेलन और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर मतदाताओं से संपर्क साधने की कोशिश किए। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी देवास में सभा को संबोधित किए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मंदसौर के गरोठ में आम सभा को संबोधित किए। खास बात यह है कि खरगोन और रतलाम आदिवासी सीटों पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी सभा कर माहौल को कांग्रेस के पक्ष में करने की कोशिश की है। आदिवासी वर्ग को साधने के लिए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रतलाम और खरगोन में सभा की है। वह यहां की चुनावी हवा का रुख अपनी तरफ कितना कर पाए, यह तो चुनाव परिणामों आने पर पता चलेगा। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी के दौरे के चलते इन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि इस अंचल की आठ सीटों में रतलाम, धार और खरगोन अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं। चौथे चरण के लिए जिन आठ सीटों पर मतदान होने हैं, उसमें देवास, इंदौर, उज्जैन, धार, रतलाम, मंदसौर, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीट शामिल है।

पटवारी बोले, भाजपा प्रत्याशी जज है, आपका सेवक नहीं बन सकता
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने देवास संसदीय क्षेत्र में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई बात करूंगा तो जीतू पटवारी पर मुकदमा करा दिया जाएगा। वो जज है (देवास लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी)। उसकी जज की पोशाक, जज के विचार हैं, वो दिमाग में से ये सब निकालता ही नहीं। जनप्रतिनिधि जनता का नौकर होता है और जज जनता का मालिक। वो मालिक से जनता का सेवक बनना ही नहीं चाहता।

दिग्विजय बोले, मोदी-शाह की तानाशाही को जवाब देना है
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंदसौर के गरोठ में आमसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की खरीद-फरोख्त कर भाजपा अपना शासन स्थापित कर रही है। सीबीआई-ईडी विपक्षी नेताओं को टारगेट कर जबरन जेल में डाल रही है। जो लोग कांग्रेस और दूसरी पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं, वह वाशिंग मशीन से साफ होते जा रहे हैं। भाजपा की सरकार ने लोकतंत्र को खतरे में डाला है। इन्होंने प्रत्याशियों को भी खरीद लिया है और उनको दबाव में लेकर अपना नामांकन वापस करवाया। अब जनता को समझने की आवश्यकता है। मोदी-शाह की तानाशाही को करारा जवाब देना है।

सोशल मीडिया पर सीमित रहे कमलनाथ
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रथम चरण के चुनाव के बाद एक दो सभा के बाद नदारत दिखे। वे केवल सोशल मीडिया पर ही बीजेपी को घेरते नजर आए। चुनाव प्रचार में कमलनाथ कहीं दिखाई नहीं दिए। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर प्रथम चरण में चुनाव हुए थे, जिसमें कमलनाथ दिन-रात जनता के बीच पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर  बीजेपी ने भी पूरी ताकत लगाई है।

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