वीजा-मुक्त पर्यटन बढ़ाने भारत-रुस कर सकते हैं समझौता
रूस का वीज़ा यह कार्यक्रम भारत तक ही सीमित नहीं
नई दिल्ली। भारत और रूस दोनों देशों के बीच वीजा-मुक्त पर्यटक आदान-प्रदान हो सकता है, इसको लेकर दोनों देश एक ऐतिहासिक बातचीत शुरू करने वाले हैं, जिसका लक्ष्य पर्यटन प्रवाह को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। मीडिया रिपोर्टस में बताया कि बातचीत का पहला दौर जून में होना है, जिसके दौरान देश द्विपक्षीय समझौते की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे, जिसे साल के अंत तक अंतिम रूप दिया जा सकता है। रूस के आर्थिक विकास मंत्रालय में बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग और विशेष परियोजना विभाग की निदेशक निकिता कोंद्रायेव ने रूस-कज़ान 2024 में आगामी बातचीत के बारे में विवरण साझा किया। रूस के कज़ान में आयोजित इस कार्यक्रम ने समूह वीज़ा-मुक्त यात्राओं पर बातचीत में प्रगति को उजागर करने के लिए कोंद्रायेव के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
कोंद्रायेव ने कहा कि उन्हें लगता है कि जून में मसौदा समझौते पर बातचीत करने के लिए उनके साथ पहला परामर्श आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी योजना साल के अंत तक इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की है। यह पहल अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए रूस की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इससे पहले फरवरी में, भारतीय मंत्रालय ने रूस की पर्यटन और आर्थिक योजनाओं में भारत के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए, 2024 के अंत तक भारत के साथ वीज़ा-मुक्त आदान-प्रदान को लागू करने के अपने इरादे की घोषणा की थी।
रूस का वीज़ा मुक्त पर्यटन कार्यक्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। देश ने 1 अगस्त, 2023 से चीन और ईरान के साथ इसी तरह की पहल शुरू की है। इन समझौतों ने समूह यात्रा को आसान बना दिया है। भारत के साथ प्रस्तावित वीज़ा-मुक्त व्यवस्था, यदि सफल रही, तो यात्रियों के लिए नए रास्ते खुलने, दोनों ऐतिहासिक रूप से सहयोगी देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक संबंधों को बढ़ने की उम्मीद है। जून में शुरू होने वाली बातचीत के साथ, पर्यटन उद्योग के हितधारक इस बात पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं कि भारत-रूस के बीच पर्यटन और लोगों के बीच संबंधों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिल सकता है।