स्वाति मालीवाल मामले में शशि थरूर ने किया ‘आप’ का बचाव, केंद्रीय मंत्री पुरी बोले- शर्म आनी चाहिए

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले को लेकर दिल्ली में जबरदस्त सियासत चल रही है। जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी इसे भाजपा की साजिश बता रही है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेता भी इस मामले को लेकर आप को घेरने में लगे हैं। अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच इस मामले पर बहस छिड़ गई है। पुरी ने कांग्रेस नेता को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन लोगों को शर्म आनी चाहिए जो कहते हैं कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है।
रोजगारी और महंगाई से ध्यान भटकाने के लिए मामले को हवा दी जा रही: शशि थरूर
शशि थरूर ने कहा कि देश में चल रहे कई अहम मुद्दों जैसे बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान भटकाने के लिए इस मामले को हवा दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में आप ने एक बयान जारी किया है। मैं इस पर भरोसा करता हूं। इसमें बदलाव या कुछ और बोलने की जरूरत नहीं है। मुझे वास्तव में लगता है कि देश में चल रहे कई अहम मुद्दों जैसे बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान भटकाने के लिए इस मामले को हवा दी जा रही है। हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि आम इंसानों के लिए क्या जरूरी है, न कि इन फालतू मुद्दों को तूल देना हैं।  भाजपा अक्सर मीडिया से अनुरोध करती है कि वह लोगों का ध्यान भटकाने के हथियार के रूप में काम करे।  मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि ऐसा न करें। सही मुद्दों से ध्यान भटकाना किसी के हितों की पूर्ति नहीं करता है।  थरूर ने आगे कहा, ‘आप ने आधिकारिक बयान दिया है। मुझे इसमें कुछ भी जोड़ने की जरूरत नहीं दिखती। हमने उन्हें (स्वाति) को नियुक्त नहीं किया है। इसलिए, यदि वे जानते हैं, तो उन्हें केवल बोलने दीजिए। दूसरे, इस मुद्दे को बार-बार उठाकर भाजपा क्या चाहती है? यह देखने के लिए कि लोगों द्वारा महसूस किए गए देश की वास्तविकता बेरोजगारी, महंगाई पर चर्चा नहीं की जाती है। यह चुनाव देश के भविष्य का चुनाव है। हम 140 करोड़ भारतीयों के भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। कानून को अपना काम करने दीजिए।’

हरदीप सिंह पुरी का पलटवार
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘शशि थरूर से पूछिए कि उन्होंने कई विभागों में काम किया है और फिर भी वह इस मामले के महत्व को कम कर रहे हैं। महिला सशक्तिकरण और नारी शक्ति ये चीजें अब महत्वपूर्ण नहीं हैं। हम यहां क्या कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। उन्हें शर्म आनी चाहिए जो कहते हैं कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। आज मुद्दा यह है कि आप अपनी 50 फीसदी आबादी के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।’
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