नई दिल्ली। एअर इंडिया की फ्लाइट में 30 घंटे की देरी होने से यात्रियों की परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे आहत होकर एअर इंडिया ने माफी मांगी, यही नहीं उन यात्रियों को 350 डॉलर का वाउचर भी दिया। ये वाउचर सभी ट्रैवल क्लास में एक समान रूप से दिया गया है, जिन्होंने फ्लाइट का इतना लंबा इंतजार किया।
सूत्रों का कहना है कि बॉम्बे हाउस में टाटा के शीर्ष नेतृत्व ने एयरलाइन के प्रबंधन से भी बात की, जिसका अधिग्रहण उन्होंने करीब ढाई साल पहले किया था। इसके बदलाव का यात्रियों को अभी भी इंतजार है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन एयरलाइन पर कड़ी नजर जमाए हुए हैं। शनिवार को दिल्ली-वैंकूवर नॉनस्टॉप फ्लाइट 20 घंटे से ज्यादा की देरी से चली, वहीं पिछले 10 दिनों में कैलिफोर्निया की दो नॉनस्टॉप उड़ानें 18 से 30 घंटे की देरी से उड़ान भर सकी। एअर इंडिया प्रबंधन ने वैंकूवर की फ्लाइट में देरी को रिएक्ट किया। उन्होंने कहा कि 1 जून को एआई185 नंबर की फ्लाइट को सुबह 5.20 बजे दिल्ली वैंकूवर के लिए उड़ाना था। तकनीकी समस्याओं और उसके बाद चालक दल के अनिवार्य उड़ान ड्यूटी की समय सीमा के तहत आने के कारण इसमें देरी हुई।
एअर इंडिया की ओर से इस दौरान मेहमानों को होटल में ठहरने की सुविधा दी गई और उन्हें पूरा रिफंड और किसी अन्य डेट पर कॉम्प्लिमेंट्री रीशिड्यूलिंग के साथ कैंसिलेशन का विकल्प दिया गया और यात्रियों को हुई परेशानी के लिए खेद जताया है। 30 मई की एआई-183 दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को फ्लाइट में 237 यात्रियों सफर करना था, इन यात्रियों में एक नवजात भी था। हालांकि जब ये फ्लाइट 31 मई को तय समय से 30 घंटे बाद रात 10 बजे के आसपास उड़ान भरी तो केवल 199 यात्रियों ने उड़ान भरने का विकल्प चुना।
एअर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी क्लॉस गोएर्श ने बताया कि माफी के तौर पर, हम एयर इंडिया पर भविष्य की यात्रा के लिए 350 डॉलर का ट्रैवल वाउचर देना चाहते हैं। हम आपके पेमेंट सोर्स या बैंक विवरण के जरिए यह राशि आपके खाते में जमा कर सकते हैं। हम अतीत को नहीं बदल सकते, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह अपील उनको हुई असुविधा और यात्रा में हुए व्यवधान में सच्चे दुख को दर्शाता है।
एआई ने बोर्डिंग से इनकार, उड़ानों को रद्द करने और उड़ानों में देरी के कारण एयरलाइनों की ओर से यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। एआई बार-बार यात्रियों की उचित देखभाल करने और नियमों का पालन करने में विफल रहा है। एआई को तीन दिन में यह बताने के लिए कहा गया है कि उसके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
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