नोटों की सीरीज भी पहचान लेगी नोट सार्टिंग मशीन, एनएसएम को और प्रभावी बनाएगा RBI, तकनीकी की ली जाएगी मदद

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लखनऊ। जाली नोटों की धरपकड़ में तकनीकी की ज्यादा मदद ली जाएगी। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोट सार्टिंग मशीनों (एनएसएम) को और प्रभावी बनाने की तैयारी की है। अब एनएसएम न केवल जाली और असली नोटों की पहचान करेगी बल्कि कटे-फटे व संदिग्ध नोटों को भी पकड़ लेगी।
इसके अलावा मशीन करेंसी को सीरीज के आधार पर जांच लेगी और गलत सीरीज वाले नोट को अलग कर देगी। इस संबंध में गठित कमेटी ने एनएसएम में संशोधन को लेकर सिफारिशें की थीं, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। एनएसएम नई कसौटी पर खरी उतरती है या नहीं, इसकी जिम्मेदारी भारतीय मानक ब्यूरो की है।

करेंसी की सुरक्षा में सेंध रोकने के लिए लगातार सिक्योरिटी फीचर बदले जाते हैं। इसके बावजूद नकली नोटों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में दो हजार रुपये के 26 हजार से ज्यादा जाली नोट पकड़े जा चुके हैं। पांच सौ के 85 हजार से ज्यादा जाली नोट बैंकों में पकड़े गए। सौ के 66 हजार और दो सौ के 28 हजार जाली नोट सालभर में बैंकों में पहुंचे। जालसाजों ने 2, 5, 10, 20, 50 की करेंसी को भी नहीं छोड़ा। इन छोटी करेंसी के 16 हजार से ज्यादा जाली नोट सालभर में बैंकों में पहुंचे। बाजार में ऐसे जाली नोट भी हैं, जिन्हें पकड़ पाना बेहद कठिन है। यहां तक कि बैंक की मशीनें भी धोखा खा जाती हैं। इससे निपटने के लिए नोट सार्टिंग मशीनों को तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम बनाया जा रहा है। अब एनएसएम नोट को सीरीज नंबर के आधार पर भी पहचान लेंगी।

सीरीज नंबर को डिटेक्ट कर नोटों की छंटाई भी उसी आधार पर करेंगी। यानी नोट की गड्डी सीरीज के आधार पर भी तैयार की जा सकेगी। संदिग्ध या जाली नोट की सीरीज को न केवल मशीन पकड़ेगी बल्कि रिजेक्ट भी कर देगी।
गैर भारतीय करेंसी को छांटकर अलग करना, नोट के आकार के कागज, गलत नोट, खराब नोट जैसी फीचर एनएसएम में फीड किए जा चुके हैं। अभी ज्यादातर मशीन केवल नोटों की संख्या की गणना करती हैं। सभी एनएसएम को नोटों की संख्या के साथ वैल्यू से भी जोड़ा जाएगा। आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक कौन सा नोट फिट या अनफिट है, इसका छंटाई भी मशीन कर देगी।
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