हाल ही में एक्टर इमरान खान ने खुलासा किया कि उनकी कहानी को एक टेलीविजन चैनल के एक्जीक्यूटिव ने चुरा लिया था। एक्टर की माने तो वह 2005 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटे थे, तब वह डायरेक्टर और राइटर बनने की ख्वाहिश रखते थे। लेकिन शुरू में एक्टिंग उनके माइंड में नहीं थी।
उन्होंने अपनी कहानियों का एक फोल्डर बनाया और किसी को बताए बिना ही एक टेलीविजन चैनल को प्रस्ताव देने के लिए चले गए। इमरान खान ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को बताया, चैनल ने उनके विचारों की सराहना की, लेकिन उन्होंने फिर कभी उनसे कोई बात नहीं की। फिर एक दिन उनकी एक एक्ट्रेस दोस्त ने बताया कि उन्हें एक ऐसे रोल में कास्ट किया गया है, जिसकी कहानी उनके द्वारा पेश स्क्रिप्ट की रूपरेखा से काफी मिलती-जुलती है।
एक्टर ने बताया, मैं उनसे मिलने गया और जब उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट दी, तो उसमें मेरी कहानी की रूपरेखा से काफी समानता थी। इसलिए, उन्होंने मेरी बात मान ली और इसे एक एपिसोड बनाने के लिए विस्तारित किया। मैंने उन लोगों को फोन करके उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे कभी यह पूछने के लिए संपर्क नहीं कर सका कि आप लोगों ने क्या किया? इस एक्सपीरियंस ने न केवल इमरान खान में कुछ बदलाव किया, बल्कि उन्हें अब्बास टायरवाला से भी मिलवाया। एक्टर ने इनके साथ बाद में अपनी पहली फिल्म जाने तू… या जाने ना में काम किया। इमरान खान ने यह सोचकर एक फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने का फैसला किया कि अगर वह एक एक्टर के रूप में सफल होते हैं, तो उनका नाम पहचाना जाएगा।
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