बच्चों की संगत और उनके कामों पर रखें नजर

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आपका बच्चा स्कूल जाता है तो यह जरूरी हो जाता है कि आप उसके दैनिक कार्यों पर नजर रखें। आपका बच्चा घर के बाहर क्या सीखता रहा है और किन बच्चों की संगत में रहता है यह भी आपके ध्यान में होना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के रोजमर्रा के अनुभव के साझेदार बनें। इसके साथ ही आप घर के कार्यों को सम्पन्न करते हुए बच्चों को छोटी-छोटी बातें भी सिखा सकते हैं और उसके मन की बात जान सकते हैं। यदि बच्चों के साथ घर के बाहर जाते हैं तो अच्छी और बुरी बातों की जानकारी प्रत्यक्ष रूप से दे सकती हैं। इसी तरह आप बच्चों को मौसम की जानकारी देते हुए अनेक बातों को समझा सकती हैं। ऐसे कई उपाय हैं जिनसे आप बच्चों की समझ विकसित कर सकते हैं।
दुनिया के बारे में बच्चों की सोच किस प्रकार की है। बच्चों की उम्र के साथ-साथ दुनिया के बारे में उनकी समझ में बदलाव होता जाता है। इस बदलाव की पूरी जानकारी माता-पिता को ही देनी होती है। आपके बच्चे को क्या अनुभव अनुभव प्राप्त हो रहा है। वह स्कूल या दुनिया की घटनाओं के बारे में क्या सोचता है। ऐसी बातों की पूरी जानकारी आपको होनी जरूरी है। आप बच्चों को इन बातों की जानकारी बहुत ही सुलभ तरीके से प्रदान कर सकते हैं। आस-पास घटित हुई हाल की घटना के बार में आप बच्चों से उनके जवाब या विचार जानने की कोशिश करें। बच्चा जो भी जवाब देता है उसे संपादित कर सही करें। आप किसी समाचार से संबंधित कई जानकारियां अपने बच्चे तक पहुंचा सकते हैं।
अपने बच्चे को सीखने में मदद करें- हर माता-पिता की चाहत होती है कि उसका बच्चा पढ़-लिखकर एक जिम्मेदार व्यक्ति बने। इसके लिए माता-पिता को जिम्मेदारीपूर्ण नेतृत्व प्रदान करना चाहिए। माता-पिता बच्चों को प्रेरणा प्रदान करें। प्रेरणा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चे को अंदर से जागृत करे। बाहरी प्रेरणा से बच्चे भ्रमित हो सकते हैं। इसलिए बच्चे के हितों को ध्यान में रखकर माता-पिता अच्छी बातों को सिखाएं। सफलता और असफलता को एक समान समझने की कला विकसित करें। यह भविष्य में बहुत ही कारगर साबित होता है।
अपने बच्चे के शेड्यूल को हमेशा व्यस्त न रखें- यदि आप अपने बच्चे को स्कूल की शिक्षा के अतिरिक्त कोई बाहरी शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं तो यह ध्यान रखना चाहिए कि यह बच्चे के शेड्यूल में किसी प्रकार का बाधा न डाले। बच्चों का हमेशा व्यस्त रखने से उनकी प्रतिभा प्रभावित होती है। इससे उनकी कार्यप्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों को अपनी पसंद का खेल खेलना बहुत ही जरूरी होता है। बच्चे पढ़ाई संबंधी तनाव को खेल के जरिए ही दूर करते हैं। यदि आपने बच्चे को संगीत शिक्षा या अन्य खेल संबंधी अतिरिक्त पाठ्यक्रम की शिक्षा दिला रहे हैं तो आपको यह ध्यान देना जरूरी है कि ये गतिविधियां नियमित रूप से बच्चों को आकर्षित करती रहें। बच्चों का मन बहुत ही चंचल होता है। इस कारण किसी भी चीज से बहुत ही जल्द उनका मोह भंग हो जाता है।
नई चीज सीखें और बच्चों को सिखाएं- बच्चों के रोल मॉडल बनने का यह बहुत ही अच्छा तरीका है। आप भी नई चीजों को सीखने की कोशिश करें। इन नई चीजों की जानकारी आप खुद से अपने बच्चों में स्थानांतरित कर सकते हैं। मान लीजिए कि आपके समक्ष कोई ऐसी घटना घटी या आपने किसी ऐसी घटना के बारे में सुना या देखा जिससे आपके बच्चे को प्रेरणा मिल सकती है तो आप उस जानकारी को स्वयं के अनुभव से अपने बच्चों को बता सकते हैं।
इन उपायों द्वारा आप बच्चों को पढ़ाई के तनाव से मुक्ति तो दिला ही सकते हैं साथ ही एक रोल मॉडल बनकर कई प्रकार से प्रेरित कर सकते हैं।

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