हादसों के चलते रोकनी पड़ीं उड़ानें
रक्षा सूत्रों के मुताबिक पिछले पांच वर्षों के दौरान मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर के तकरीबन 12 हादसे हो चुके हैं। पिछले साल भी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स (एएलएच) ध्रुव के एक के बाद एक हादसे हुए थे। जिसके चलते कई बार ध्रुव की उड़ानें रोकनी पड़ीं। इन खामियों को दूर किया जा रहा है। पिछले साल हुईं दुर्घटनाओं की जांच में यह बात सामने आई है कि उसके डिजाइन में कुछ दिक्कतें पाई गई हैं। 2022 से लेकर अब तक एचएएल 326 ध्रुव हेलीकॉप्टर्स को निर्माण कर चुका है। इनमें से भारतीय वायुसेना के पास 107, भारतीय सेना के पास 191 और भारतीय नेवी के पास 14 हेलिकॉप्टर्स हैं। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने इससे पहले इसी साल सात मार्च को अतिरिक्त 35 एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर्स के लिए एचएएल को आरएफपी जारी किया था, जिनमें से 25 भारतीय सेना को और 9 भारतीय तटरक्षक बल को मिलने थे।
जून के अंत तक पूरा हो जाएगा अपग्रेडेशन का काम
रक्षा सूत्रों के मुताबिक एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स ध्रुव बेड़े के जरूरी सेफ्टी अपग्रेड का काम पूरी होने वाला है। वहीं उनमें अपग्रेडेड नियंत्रण प्रणाली लगाई है, जिससे उनकी उड़ने की क्षमता में सुधार होगा। डिजाइन संबंधी समस्या के चलते ध्रुव फ्लीट को पिछले वर्ष कई बार उड़ान से रोकना पड़ा था, क्योंकि लगातार हो रहे हादसों की वजह से उसकी उड़ानों के सुरक्षा रिकॉर्ड पर सवाल उठने लगे थे। सूत्र बताते हैं कि हेलीकॉप्टर के बूस्टर कंट्रोल रॉड्स के डिजाइन का रिव्यू किया गया, जिसके बाद प्रत्येक ध्रूव में नई रॉड्स लगाई गईं। सभी हेलीकॉप्टरों में कंट्रोल रॉड्स बदलने का काम पूरा हो चुका है। वहीं अन्य दो रॉड्स (लेटरल और लॉन्गिट्यूडनल) को बदलने का काम चल रहा है, जिसके जून के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इन रॉड्स के पूरी तरह से बदले जाने के बाद फ्लाइट सेफ्टी में सुधार होगा। सूत्र बताते हैं कि हेलिकॉप्टर के कंट्रोल असेंबली में खराबी, जिसमें कलेक्टिव, पिच और रोल कंट्रोल रॉड शामिल हैं, इसके चलते कुछ दुर्घटनाएं हुईं। सूत्रों ने बताया कि ये रॉड्स पायलट को हेलीकॉप्टर की स्पीड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और कोई भी गड़बड़ी रोटर ब्लेड के पावर इनपुट में दिक्कत पैदा कर सकती है, जिससे हादसा हो सकता है। जो नई रॉड्स लगाई गई हैं, वे स्टील से बनी हैं, जबकि पहले की रॉड्स की एल्यूमीनियम से बनी थीं।