NEET-UG Row: नीट-यूजी परीक्षा में कथित धांधली पर CBI ने दर्ज की FIR, जांच के लिए पटना-गोधरा भेजी जाएंगी टीमें
नई दिल्ली। पेपर लीक के मामले ने इन दिनों देशभर में सुर्खियां बटोरीं हैं। अब खबर है कि नीट-यूजी में अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहली एफआईआर दर्ज की है। एजेंसी से जुड़े अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। सीबीआई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 5 मई को आयोजित की कई नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओ और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा गया है।
पटना और गोधरा भेजी जाएंगे सीबीआई के विशेष दल
केंद्रीय जांच ब्यूरो का कहना है कि इस मामले में एफाआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले कीजांच के लिए सीबीआई ने विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें बिहार के पटना और गुजरात के गोधरा भेजी जा रही हैं। दरअसल पटना और गोधरा में स्थानीय पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले बिहार पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया था। वहीं, नीट पेपर लीक का कनेक्शन महाराष्ट्र में भी मिला है। पुलिस ने दो अध्यापकों से पेपर लीक मामले में पूछताछ की है। जिन अध्यापकों से पूछताछ हुई है, उन्हें नांदेड़ की आंतकरोधी स्कवॉड ने शक के आधार पर पकड़ा।
सीबीआई को सौंपी गई है पेपर लीक मामले की जांच
बता दें कि विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने नीट यूजी का पेपर लीक होने का आरोप लगाया और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। ऐसे में केंद्र सरकार ने नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। बिहार पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया कि परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक हो गया था। पुलिस अब सॉल्वर गैंग के लोगों से भी पूछताछ कर रही है।
एनटीए महानिदेशक को भी बदला गया
केंद्र सरकार ने अनियमितताओं की शिकायत के बाद नीट और यूजीसी नेट समेत कई अहम परीक्षाएं कराने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही एक पैनल का गठन किया है, जो नीट परीक्षा में हुईं अनियमितताओं की जांच करेगा। बीती 5 मई को हुई नीट यूजी की परीक्षा में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे, लेकिन जैसे ही 4 जून को रिजल्ट घोषित किए गए और उसमें 1500 से ज्यादा छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का खुलासा हुआ तो मामला अदालत में पहुंच गया। इसके बाद एनटीए ने छात्रों को दिए ग्रेस मार्क्स हटाने और इन छात्रों की परीक्षा फिर से लेने का फैसला किया। आज इन 1500 से ज्यादा छात्रों की फिर से नीट यूजी की परीक्षा आयोजित की जा रही है। साथ ही नीट के कथित पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है।