पटेल ने कहा कि राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा के दौरान जिस तरह से संसदीय नियमों और परंपराओं का लगातार अपमान किया, उसे पूरे देश ने देखा है। लेकिन उन्होंने मर्यादा की सीमा का उल्लंघन तब किया, जब उन्होंने हमारी भारतीय संस्कृति को हिंसक बताने का अपराध किया। पटेल ने कहा कि लंबे संसदीय कार्यकाल के दौरान उन्होंने नियमों और परंपराओं की ऐसी अवहेलना कभी नहीं देखी।उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को यह चुनौती देता हूं कि सारी दुनिया में अगर अहिंसा, सद्भाव और वसुधैव कुटुंबकम को लेकर किसी का नाम लिया जाता है, तो वह सनातन संस्कृति ही है। हमने किसी के बच्चों को दीवार में चुनवाकर अपने धर्म के बारे में चर्चा नहीं की। हमने तलवार लेकर कभी धर्म का विस्तार करने के बारे में सोचा। राहुल गांधी हिंसा करने वाले इन लोगों के बारे टिप्पणी करके बताएं, तब उन्हें पता चलेगा।अपने गिरेबान में झांकें कांग्रेस और राहुल गांधी
पटेल ने कहा कि राहुल गांधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर रहे हैं। राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद उन्होंने अपना दुष्प्रचार जारी रखा था। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का राहुल गांधी कितना सम्मान करते हैं, यह उस घटना से स्पष्ट हो जाता है, जब उन्होंने प्रेस क्लब में स्वयं अपनी पार्टी की गठबंधन सरकार के पारित ऑर्डिनेन्स की प्रति को फाड़ दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चरित्र देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का रहा है। इंदिरा गांधी ने भी लगातार संसद, न्याय प्रणाली और नौकरशाही जैसी देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया। पटेल ने कहा कि 99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, इससे साफ हो जाता है कि इनकी असल मंशा क्या है?