AK-203: पीएम मोदी के रूस दौरे से पहले भारतीय सेना के लिए गुड न्यूज, 35000 एके-203 राइफल्स की हुई डिलीवरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 8-9 जुलाई को रूस यात्रा प्रस्तावित हैं। जहां वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के मास्को दौरे से पहले ही भारतीय सेना को 35,000 एके-203 (AK-203) कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों की डिलीवरी कर दी गई है। इससे पहले इसी साल मई में 27 हजार एके-203 राइफलें भारतीय सेना को सौंपी गई थीं। खास बात यह है कि इन राइफलों को बनाने में इस्तेमाल हुए 25 फीसदी पार्ट भारत में तैयार किए गए हैं। इन राइफलों को भारत-रूस ज्वॉइंट वेंचर के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनाया जा रहा है।
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल है सौदे में
भारत सरकार की तरफ से इन असाल्ट राइफलों को बनाने के लिए जुलाई 2021 में रूस के साथ 5000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था। इस सौदे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल है। इस सौदे के तहत देश में 6.7 लाख से ज्यादा AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण किया जाना है। जिन्हें एक ज्वॉइंट वेंचर के तहत इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ये राइफल्स बनाएगी। इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2019 में भारत के तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड (अब एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड) और रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कलाश्निकोव के बीच हुई थी। कलाश्निकोव AK-203 दरअसल AK-200 असॉल्ट राइफल का एक वैरिएंट है, जिसे भारतीय सेना में इस्तेमाल होने वाले 7.62×39 मिमी कारतूस के लिए बनाया गया है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाई गई ये राइफल्स भारतीय सेना को और मजबूती देंगी। भारत-असेंबल कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफलें यूपी के अमेठी जिले बनाई गई हैं। अनुबंध की शर्तों के अनुसार, पहली 70,000 राइफलों का उत्पादन भारत में किया जाएगा, जिसमें भारतीय पार्ट्स की सीमा को चरणबद्ध तरीके से 5 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी किया जाएगा। शेष 6 लाख राइफलों का उत्पादन 100 फीसदी स्वदेशीकरण के साथ किया जाएगा। उम्मीद है कि 2-3 साल के भीतर एके-203 राइफलों का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।