गाजा। इस्राइल-हमास के बीच हुए समझौते के तहत 13 बंधकों को शुक्रवार शाम को गाजा से रिहा किया गया। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में जानकारी दी है। इससे पहले, कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने बताया था कि जिन बंधकों को रिहा किया जाएगा, उनके नामों की सूची इस्राइली खुफिया एजेंसियों को दे दी गई है।
इसी बीच थाईलैण्ड के प्रधानमंत्री ने दावा किया कि गाजा में पकड़े गए 12 थाई नागरिकों को रिहा किया गया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, मुझे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम, विदेश मंत्रालय से जानकारी मिली कि हमारे 12 थाई नागरिकों को हमास ने रिहा कर दिया है। बता दें सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला किया था, जिसके बाद हमास के आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया था।
सहमति में और क्या-क्या शामिल है?
समझौते को लेकर हमास का दावा है कि इस्राइल दक्षिणी गाजा में हवाई उड़ानें बंद कर देगा और उन्हें उत्तरी इलाके में रोजाना छह घंटे तक ही संचालित करेगा। सहमति में यह भी निर्णय लिया गया है कि इस्राइली सेना युद्ध विराम के दौरान गाजा में सैन्य वाहन नहीं लाएगी, न ही किसी को हिरासत में लेने की कोशिश करेगी।
इससे पहले घोषणा की गई थी कि संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास गुरुवार को 50 इस्राइली बंधकों को रिहा करेगा। बाद में इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हानेग्बी ने एक बयान में कहा कि बंधकों की रिहाई पर चर्चा लगातार जारी है और समझौता लागू होने में शुक्रवार तक की देरी हुई। बताया गया कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के बदले इस्राइली जेलों में बंद फलस्तीनी नागरिकों की रिहाई का समझौता अंतिम वक्त में लागू नहीं हो सका। इसके चलते युद्धविराम में एक दिन की देरी हुई। इस्राइली सेना के आंकड़ों के अनुसार, हमास ने गाजा में 239 लोगों को बंधक बना रखा है, जिनमें 26 देशों के विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
गाजा में 13,000 से अधिक लोग मारे गए
हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने इ्स्राइल-हमास की जंग में मारे गए फलस्तीनियों की विस्तृत जानकारी के साथ गणना करना फिर शुरू कर दिया है और मृत्यु के 13,000 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। मंत्रालय ने उत्तर गाजा में आवागमन व संचार बंद होने के बाद 11 नवंबर को आंकड़े जारी करना बंद कर दिया था। ताजा आंकड़े दक्षिण व उत्तर के अस्पतालों के 11 नवंबर के आंकड़ों पर आधारित हैं। वास्तविक मृतक संख्या इससे अधिक हो सकती है। यहां 6,000 अन्य लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है।