Russia’s Highest Award: पीएम मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान; पुतिन ने किया सम्मानित, फिर गले लगाकर दी बधाई
ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्र्यू एपोस्टल अवॉर्ड पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए मैं हृदय से राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। यह, भारत और रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता और आपसी विश्वास का सम्मान है। ये हमारी कूटनीतिक साझेदारियों का सम्मान है। पिछले लगभग ढाई दशक से आपके नेतृत्व में भारत और रूस के संबंध हर दिशा में मजबूत हुए और हर बार नई ऊंचाईयों को प्राप्त करते रहे हैं। आपने दोनों देशों के बीच जिन संबंधों की नींव रखी थी, वो गुजरते समय के साथ और मजबूत होकर निखरे हैं। हमारा पारस्परिक सहयोग, हमारे लोगों की बेहतर भविष्य की उम्मीद भी बन रहा है।’
राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को दी बधाई
पीएम मोदी को सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘प्रिय मित्र और आदरणीय प्रधानमंत्री, मैं आपको यह सर्वोच्च सम्मान मिलने पर तहेदिल से बधाई देता हूं। मैं आपकी और भारत के लोगों के लिए शांति और समृद्धि की कामना करता हूं।’
पीएम मोदी को इन देशों ने दिए ये पुरस्कार
बता दें कि पीएम मोदी को वर्ष 2016 में अफगानिस्तान द्वारा स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान, फरवरी 2018 में फिलिस्तीन द्वारा ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन, अक्तूबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा यूएन चैंपियन ऑफ द अर्थ अवार्ड दिया गया था। वहीं, अप्रैल 2019 में यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद और अप्रैल 2019 में ही रूस द्वारा ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, पीएम मोदी को जून 2019 में मालदीव से ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ इज़ुद्दीन, अगस्त 2019 में बहरीन द्वारा किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां, दिसंबर 2020 में अमेरिका द्वारा लीजन ऑफ मेरिट, दिसंबर 2021 में भूटान द्वारा ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन किंग और इस साल मई में फिजी द्वारा ऑर्डर ऑफ फिजी और पापुआ न्यू गिनी द्वारा ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया गया था।
ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्र्यू एपोस्टल क्या है?
‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्र्यू एपोस्टल’ अवॉर्ड रूस का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। इसकी शुरुआत वर्ष 1698 में त्सार पीटर महान (Tsar Peter the Great) ने की थी। उन्होंने सेंट एंड्रयू के सम्मान में इसकी शुरुआत की थी। सेंट एंड्रयू , यीशू (Jesus) के पहले प्रचारक थे।