PM Modi Austria Visit: साझा वार्ता में पीएम मोदी का आतंकवाद पर प्रहार, ऊर्जा-नवाचार और द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
पीएम मोदी ने की आतंकवाद की कड़ी निंदा
संयुक्त वार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और ऑस्ट्रिया, आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं जाएगा। आतंकवाद को किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं हो सकता। हम संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में बदलाव के लिए सहमत हैं, ताकि उन्हें मजबूत बनाया जाए। मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों, चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति हो, सभी पर हमने विस्तार से बात की। मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। कहीं भी हो, मासूम बच्चों की मौत स्वीकार्य नहीं है। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए वार्ता और कूटनीति पर जोर देते हैं। इसके लिए हम दोनों मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।’
‘मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे ऑस्ट्रिया आने का मौका मिला। मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है। 41 वर्ष के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा है। यह भी सुखद संयोग है कि यह यात्रा उस समय हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 वर्ष पूरे हुए हैं। लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में आपसी विश्वास हमारे संबंधों की नींव हैं। आपसी विश्वास से हमारे रिश्तों को बल मिलता है। आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने फैसला लिया कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी।
पीएम मोदी का आपसी सहयोग पर जोर
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आने वाले दशक के लिए सहयोग का खाका तैयार किया है। यह केवल आर्थिक सहयोग और निवेश तक सीमित नहीं है। ढांचागत विकास, नवाचार, नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन, जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन और क्वांटम जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे के सामर्थ्य को जोड़ने का काम किया जाएगा। दोनों देशों की युवा शक्ति और विचारों को जोड़ने के लिए स्टार्ट अप को गति दी जाएगी। गतिशीलका और प्रवासन के मामले में साझेदारी पर पहले ही समझौता हुआ है। कानूनी प्रवासनन और कुशल कार्यबल को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया जाएगा। आज मानवता के सामने मौसम में बदलाव और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर भी हमने विचार साझा किए। क्लामेट के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सोलर साझेदारी, बायोफ्यूल साझेदारी जैसी पहलों से जुड़ने के लिए हम ऑस्ट्रिया को आमंत्रित करते हैं।