गांधी सागर में बसाये जाने वाले चीतों के लिये खतरा

तेंदुओं को हटाया जायेगा, अब तक पांच हटाये

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भोपाल।प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाया जाना है परन्तु वहां पहले से रह रहे करीब 24 तेंदुये इन चीतों के लिये खतरा हैं क्योंकि वे चीतों पर हमला कर उन्हें मार देते हैं। इन सभी तेंदुओं को हटाने की वन विभाग कार्यवाही कर रहा है तथा अब तक पांच तेंदुये हटाया जा चुके हैं।
उक्त जानकारी वन विभाग के एसीएस जेएन कंसोटिया की अध्यक्षता में हुई चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा में दी गई है। बैठक में बताया गया कि गांधी सागर में प्रेस-बेस यानि चीतों के लिये आहार व्यवस्था हेतु कान्हा एवं पेंच टाईगर रिजर्व से चीतलों की शिफ्टिंग की जा रही है तथा पूर्व में यहां लाये गये चीतलों की संख्या में प्रजनन के कारण वृध्दि हो रही है। गांधी सागर में आगर मालवा से ब्लेकबक भी लाये जाने हैं जिसके लिये दक्षिण अफ्रीका के सहयोग से इन्हें पकड़ा जायेगा और रिलीज किया जायेगा और यह कार्यवाही अक्टूबर-नवम्बर 2024 में की जायेगी।
समीक्षा बैठक में यह भी बताया गया कि चीता परियोजना देश की सफलतम परियोजनाओं में से एक है। इस संबंध में मीडिया एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने हेतु कूनो पार्क के भ्रमण के पूर्व, मीडिया एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक रखी जाये जिसमें सभी जानकारियां उन्हें दी जायें और प्रोजेक्ट गाईड लाईन के अनुसार पार्क का भ्रमण कराया जाये। कूनो में डॉग स्क्वाड में कार्यरत एक डॉग की सडक़ दुर्घटना में मृत्यु होने पर एसीएस ने कहा कि इस घटना की जांच हेतु समिति गठित की जाये और भविष्य में ऐसी घटना न हो अन्यथा दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाये। कूनो में बनाये गये चीता मित्र दलों को दी गई सायकलों के बारे में रिपोर्ट दी जाये तथा कूनो में गाईडों की नियुक्ति के लिये चीता मित्र दलों में से ही चयन किया जाये। बैठक में बताया गया कि कूनो के सेसईपुरा में पैट्रोल पम्प बनाने का कार्य प्रगतिरत है। कूनो नदी से पानी पम्प द्वारा लिफ्ट कर सॉसर एवं नालों में पहुंचाया जा रहा है तथा तापमान नियंत्रण हेतु पाईपलाईन से पानी स्प्रे भी किया जा रहा है और छाया हेतु अस्थाई शेड बनाये गये हैं।

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