‘कहते थे घर में घुस के मारेंगे, फिर जम्मू में क्या हो रहा?’ आतंकी हमलों को लेकर केंद्र पर बरसे ओवैसी

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नई दिल्ली। जम्मू में हाल के दिनों में बढ़े आतंकी हमलों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इन हमलों को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि सिलसिलेवार हमले केंद्र सरकार की विफलता को दिखाते हैं। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कहते थे, ‘घर में घुस कर मारेंगे’। फिर यह क्या है? यह सरकार की विफलता है। वे आतंकवाद को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं। डोडा में जो कुछ भी हुआ है वह बहुत खतरनाक है।

डीजीपी पर भी बोला हमला
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने कहा कि डीजीपी अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि डीजीपी वहां क्या कर रहे हैं? कश्मीर बार काउंसिल के चेयरमैन पर यूएपीए लगाया है। एलओसी से काफी दूर डोडा में आज हुए हमले में आतंकी इलाके में इतने अंदर तक कैसे घुस आए? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? वह अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि डीजीपी को सत्ताधारी दल का प्रवक्ता नहीं बनना चाहिए। अगर उनका इरादा है तो उन्हें भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए।  बता दें कि जम्मू के डोडा में आतंकी हमले को लेकर कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने सोमवार को कहा था कि आतंकवाद के चरम दौर में पाकिस्तान ने कश्मीर के सामाजिक जीवन के हर पहलू में घुसपैठ कर ली थी और यहां के स्थानीय राजनीतिक दलों ने स्वार्थ के लिए आतंकी नेताओं को बढ़ावा दिया।

केंद्र की नीति पर उठाए सवाल
ओवैसी ने कहा कि हमने हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न किए हैं। चुनाव में केंद्र शासित प्रदेश में मतदान प्रतिशत बहुत अधिक था। अब जब डीजीपी ऐसा कुछ कह रहे हैं तो क्या आप यह कहना चाह रहे हैं कि चुनाव में धांधली हुई है? 2021 से अब तक जम्मू में 50 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी और 19 नागरिक मारे जा चुके हैं। हाल ही में, तीर्थयात्रियों को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था। केंद्र से सवाल करते हुए ओवैसी ने खुफिया नेटवर्क पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा आपका सूचना तंत्र कहां है? स्थानीय लोग आपकी मदद क्यों नहीं कर रहे हैं? आप युवाओं को विश्वास में क्यों नहीं ले रहे? ओवैसी ने कहा कि सरकार कहती है कि घाटी से अनुच्छेद 370 हटा दिया है, जिसके बाद सब कुछ ठीक हो गया है। यह नरेंद्र मोदी सरकार की विफलता है। गौरतलब है कि सोमवार शाम को डोडा के देसा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।  देर रात तक चली मुठभेड़ में सेना के अधिकारी और जवान घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान मंगलवार तड़के कैप्टन, सेना के तीन जवान वीर गति को प्राप्त हो गए। कार्रवाई में शहीद हुए जवानों की पहचान कैप्टन ब्रिजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में हुई है।
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