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नई दिल्ली।गुलाबी बाग के किशनगंज में ट्रांसपोर्ट कंपनी में चार करोड़ की डकैती की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस संबंध में कंपनी के पूर्व चालक समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर 1.15 करोड़ रुपये और वारदात में इस्तेमाल आई-10 कार बरामद की है। बाकी नकदी लेकर फरार बदमाशों की तलाश में मध्यप्रदेश, यूपी, उत्तराखंड व दिल्ली आदि में छापे मारे जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, कंपनी के मालिक ने महज 30 लाख रुपये लूटने की शिकायत दी थी। जांच हुई तो पता चला कि लूट की रकम चार करोड़ है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त मनोज कुमार मीना के अनुसार, 11 जुलाई को किशनगंज स्थित निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में डकैती की शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता देव करन अंचल्य ने बताया कि रात करीब 10:45 बजे सात-आठ बदमाश दफ्तर में घुसे। सभी के चेहरे ढके हुए थे और पिस्टल व चाकू से लैस थे। अलमारी से 30 लाख रुपये लेकर बदमाश फरार हो गए। गुलाबी बाग थाना पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। गुलाबी बाग थाना प्रभारी इंस्पेक्टर शिवदत्त जयमिनी, सराय रोहिल्ला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास राणा और स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर रोहित सारस्वत के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया। करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद टीम ने होंडा सिविक और आई-10 कार की पहचान की। इसके बाद सराय काले खां निवासी प्रमोद तोमर की पहचान की गई। टेक्निकल सर्विलांस की जांच से पता चला कि वारदात वाले दिन प्रमोद की लोकेशन किशनगंज की थी। इसके बाद प्रमोद को मध्यप्रदेश के खजुराहो से दबोच लिया गया। प्रमोद ने बताया कि उसने अंकुश, तंजीम, देव उर्फ हिमांशु, रंजन, फैजल, शानू अली उर्फ मंगल पांडेय और अन्यों के साथ मिलकर डकैती डाली थी। कंपनी का चालक कैलाश चौहान और पूर्व चालक उपेंद्र कुमार मालिक से नाराज थे। इन लोगों ने प्रमोद और तंजीम को कंपनी में नकदी की सूचना दी। इसके बाद साजिश रची गई। वारदात में इस्तेमाल दोनों गाड़ियों का प्रमोद ने इंतजाम किया। बाकी बदमाश हथियार लेकर आए। प्रमोद से जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने अंकुश तोमर, चालक कैलाश चौहान, पूर्व चालक उपेंद्र कुमार, शानू अली उर्फ मंगल पांडेय, फैसल, सचिन गुप्ता, तंजीम, रंजन, बादल और नरेश को गिरफ्तार कर लिया।