Budget 2024 : बिहार को ‘विशेष राज्य’ की तरह विकसित करेगी मोदी सरकार, बजट में पूर्वोदय योजना से साधे कई निशाने

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पटना। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है- सोमवार को लोकसभा में जनता दल यूनाईटेड के सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर सीधा जवाब देने के अगले दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट 2024 में बिहार को ‘विशेष’ बना दिया। केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार 3.0 ने अपने पहले बजट में बिहार के विकास की रूपरेखा विशेष रूप से रखी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्वोदय योजना की घोषणा ‘बिहार’ के नाम के साथ की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए पूर्वोदय योजना लायी जा रही है, जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध प्रदेश को भी रखा गया है। इन राज्यों में मानव संसाधन विकास, आधारभूत संरचना विकास और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार विशेष मेहनत करेगी। इन राज्यों को विकसित भारत का हिस्सा बनाने के लिए केंद्र सरकार कृत-संकल्पित है। सीधे-सीधे विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- “धीरे-धीरे सबकुछ जान जाइएगा।” सीएम नीतीश कुमार ने जो बात धीरे-धीरे जानने की बात कही, वह कहीं न कहीं पूर्वाेदय के जरिए मिले विशेष फोकस में दिखेगा।

निर्मला सीतारमण के बजट में बिहार-बिहार… क्यों?
मंगलवार को संसद में पेश वित्त बजट 2024 में बार-बार बिहार का नाम आया। पूर्वोदय योजना में शामिल करने के अलावा एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, सड़क आदि के लिए बिहार का नाम कई बार लिया गया। जिन योजनाओं में बिहार को शामिल किया गया या जिससे बिहार को फायदा मिलना है, उसमें ‘बिहार’ पर जोर दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भी वित्त मंत्री का स्वागत किया। दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एनडीए ने सरकार बनाई थी। बीच में नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गए थे। इस साल 28 जनवरी को वापस आए और जदयू ने लोकसभा चुनाव एनडीए के तहत लड़ा। भाजपा-जदयू को बिहार से लोकसभा में बराबर सीटें मिलीं, लेकिन इस बार केंद्र में बनी एनडीए सरकार के लिए जदयू एक जरूरी घटक है। जदयू ने विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की मांग साफ तौर पर कर दी थी। विशेष राज्य के दर्जे का प्रावधान नीति आयोग के गठन के बाद नहीं होने की जानकारी सदन में देने के अगले दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘पूर्वोदय’ के तहत बिहार के विकास की योजना लाकर एक तरह से जदयू की मांग पूरी कर दी।

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की यह मांग भी पूरी
वित्त मंत्री सीतारमण ने जदयू की एक और बड़ी मांग इस बजट में पूरी कर दी। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बताया था कि सर्वदलीय बैठक में विशेष राज्य या विशेष पैकेज की मांग के साथ बाढ़ को लेकर मांग की गई है। अब बजट में वित्त मंत्री ने बाढ़ के लिए बिहार को 11,500 करोड़ रुपये अलग से आवंटित करने की जानकारी दी गई है। वित्त मंत्री ने बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाले एक अतिरिक्त पुल को बनाने में भी मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई, जिनमें भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। 

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