श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण कृष्ण पक्ष की तृतीया और बुधवार के महासंयोग पर सुबह 3 बजे भस्म आरती के दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुले गए। पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। इसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। कपूर आरती के बाद पुजारियों ओर पुरोहितों द्वारा बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व मुंड माला धारण करवाई गई। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।