नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का आज 107वां एपिसोड प्रसारित हुआ, जिसका आकाशवाणी पर सीधा प्रसारण हुआ।
मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को दी श्रद्धांजलि
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज 26 नवंबर है और इस दिन को हम कभी नहीं भूल सकते। आज ही के दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई और पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था। लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौंसले से आतंक को कुचल रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।’
11 विदेशी भाषाओं में होता है प्रसारण
‘मन की बात’ कार्यक्रम 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी सहित 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है। यह कार्यक्रम आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों से प्रसारित होता है।
अप्रैल में पूरा हुआ ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड
30 अप्रैल 2023 को पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे हुए थे। ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाने के लिए पूरे देश में इसकी लाइव स्क्रीनिंग की गई थी। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का सीधा प्रसारण किया गया था। दिल्ली में 6530 स्थानों पर कार्यक्रम को लाइव सुना गया।
अभी तक कुल 106 संविधान संशोधन किए जा चुके हैं
प्रधानमंत्री ने बताया संविधान के निर्माण में दो साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। 60 से ज्यादा देशों के संविधान का अध्ययन के बाद संविधान का ड्राफ्ट तैयार हुआ था और उसे अंतिम रूप देने से पहले दो हजार से ज्यादा संशोधन किए गए। 1950 में संविधान लागू होने के बाद भी अब तक कुल 106 संविधान संशोधन किए जा चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकारों में कटौती के लिए हुआ। वहीं 44वें संविधान संशोधन के जरिए आपातकाल के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया।
भारतीयों द्वारा पेटेंट आवेदन में आई तेजी
डिजिटल पेमेंट को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अब लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं, ये भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है। आप तय करिए कि एक महीने तक आप यूपीआई से या किसी डिजिटल माध्यम से पेमेंट करेंगे या कैश पेमेंट नहीं करेंगे। भारत में डिजिटल क्रांति की सफलता ने इसे बिल्कुल संभव बना दिया है। पीएम मोदी ने बताया कि 2022 में भारतीयों द्वारा पेटेंट आवेदन में 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पेटेंट फाइल करने में सबसे आगे रहने वाले टॉप-10 देशों में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। सरकार ने जो प्रशासनिक और कानूनी सुधार किए हैं। उसके बाद आज हमारे युवा एक नई ऊर्जा के साथ बड़े पैमाने पर इनोवेशन में जुटे हैं।