पथरगुवा गांव में डायरिया फैलने से 36 से ज्यादा लोग बीमार, एक मासूम की हुई मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
पहले दिन दो बच्चे हुए थे बीमार, एक की हुई मौत
ग्रामीणों ने बताया कि पहले दिन गांव में दो जुड़वा बच्चे पानी पीने से बीमार हुए थे, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि दूसरा भाई अब स्वास्थ्य है। वहीं बच्चों की मां राजकुमारी यादव भी उल्टी दस्त से बीमार है, जिनका इलाज गांव में किया जा रहा है।
पंचायत भवन को बनाया अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र
टीकमगढ़ जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाला हुआ है और पंचायत भवन को अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया है, जहां पर डायरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गांव में अब तक करीब 36 लोग उल्टी दस्त के शिकार हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुआं और हैंडपंप का पानी दूषित है। गांव के ही रहने वाले अमर सिंह यादव ने बताया कि बेरिया मोहल्ले में जगन्नाथ के खेत में बने कुएं में आज तक विभाग के लोगों ने दावा नहीं डलवाई, जैसे ही डायरिया फैला तब जलस्रोतों में दवा डलवा दी गई है। समय रहते है अगर जल स्रोतों का शुद्धिकरण किया जाता तो इस तरह के हालात गांव में पैदा नहीं होती।
तीसरा गांव डायरिया की चपेट में और दूसरे बच्चे की मौत
टीकमगढ़ जिले में पिछले माह नगारा गांव में भी डायरिया फैलने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और वहीं 800 लोग बीमार हो गए थे। इसके बाद मिनोरा गांव में भी डायरीया फैला था, जिसमें करीब 900 लोग बीमार हुए थे और स्वास्थ्य विभाग को एक माह का समय लग गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग ने ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते हालात बिगड़े। दोनों पीएचई विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में जो दवा सप्लाई की गई है, ग्रामीण अंचलों में वह एक्सपायरी डेट की डाल दी गई है, लेकिन इसके बाद भी टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया।